नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में मूसलधार वर्षा और हथनी कुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली में यमुना एक बार फिर उफान पर है। 

इस वजह से आठ दिन बाद रविवार सुबह एक बार फिर यमुना का जलस्तर खतरे के निशान (205.33 मीटर) से ऊपर चला गया। यमुना का जलस्तर बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी है। शनिवार रात एक बजे से रविवार शाम सात बजे के बीच यमुना के जलस्तर में सवा मीटर से अधिक की बढ़ोतरी हुई है।

69 ट्रेनों की आवाजाही बाधित, 17 ट्रेनें रद्द

इस वजह से शाम सात बजे पुराना रेलवे ब्रिज के पास यमुना का जलस्तर बढ़कर 206.37 मीटर पहुंच गया। वहीं, आज सोमवार सात बजे पुराने यमुना पुल (लोहा पुल) पर यमुना नदी का जलस्तर 206.56 मीटर दर्ज किया गया। इस वजह से फिलहाल पुराने लोहा पुल से ट्रेनों की आवाजाही नहीं होगी। यमुना में जलस्तर बढ़ने के कारण लोहा पुल बंद होने से 69 ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई है जबकि 17 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं।

इससे दोबारा बाढ़ आने का खतरा बढ़ गया है। इसके मद्देनजर यमुना में बाढ़ कम होने के बाद अपने घरों में वापस लौटने वाले लोग एक बार फिर राहत शिविरों में जाने लगे हैं।

गृह मंत्री ने उपराज्यपाल से की बात

इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से बातचीत की और यमुना के जलस्तर को लेकर चर्चा की। अमित शाह ने ट्वीट करके यह जानकारी दी। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए पर्याप्त संख्या में एनडीआरएफ की टीमें उपलब्ध हैं।

दिल्ली सरकार भी यमुना के निचले इलाके में रहने वाले लोगों को राहत शिविरों में जाने के लिए मुनादी करा रही है। इसके अलावा बाढ़ पर निगरानी के लिए 60 टीमें लगाई गई हैं, जो यमुना के जलस्तर पर नजर रख रही हैं। ताकि किसी इलाके में नदी या नाले का बांध टूटने से पानी शहर में न घुसने पाए। इसके अलावा आइटीओ बैराज पर बंद तीन गेटों को खोलने का काम भी जारी है।

शनिवार को हथनी कुंड बैराज से दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी यमुना में दिल्ली की तरफ छोटा गया था। इसके बाद भी हथनी कुंड बैराज से रात एक बजे से सुबह पांच बजे के बीच हर घंटे डेढ़ लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया है।

यमुना का जलस्तर अभी और बढ़ने की आंशका

इस वजह से दिल्ली में यमुना का जलस्तर अभी और बढ़ने की आंशका है। थोड़ी राहत बात यह है कि हथनी कुंड बैराज से शाम होते-होते पानी छोड़ना कम हो गया है। शाम सात बजे 40 हजार क्यूसेक से कम पानी छोड़ा गया।

ऐसे में उम्मीद जारी जाहिर की जा रही है कि पहले जैसी स्थिति इस बार नहीं बनेगी। लेकिन मंगलवार से तीन दिन तक मध्यम स्तर की वर्षा होने की भी संभावना है। ऐसे में बाढ़ का खतरा बना हुआ है।

उल्लेखनीय है कि मानसून के इस सीजन में पहली बार दस जुलाई को शाम पांच बजे यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के पार पहुंचा था और 13 जुलाई को जलस्तर 208.66 मीटर हो गया था।

इस वजह से दिल्ली के छह जिलों के कई इलाकों में पानी भर गया था। इसके बाद 16 जुलाई को जल स्तर घटकर 206 मीटर से कम हो गया था। इसके बाद जलस्तर बढ़कर 206 मीटर से अधिक हुआ है।