बलरामपुर :  संचालक कोष लेखा एवं पेंशन रायपुर के द्वारा जीएसटी की स्रोत पर कटौती(टीडीएस) के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।  प्रशिक्षण में बलरामपुर-रामानुजगंज जिले से जिला कोषालय अधिकारी श्री संतोष सिंह एवं शिक्षा, आदिवासी विकास, महिला बाल विकास, पुलिस, स्वास्थ्य, कृषि, जिला पंचायत, उद्यानिकी, पशु स्वास्थ्य सेवाएं के अधिकारी/कर्मचारी वर्चुअल रूप से जुड़े रहे।
आयोजित प्रशिक्षण में जीएसटी के अधिकारियों के द्वारा अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों से अवगत कराते हुए वेंडर के भुगतान संबंधित देयकों में जीएसटीआईएन नंबर की सक्रियता एवं वैधता की जांच करने के पश्चात् ही भुगतान करने हेतु कहा गया है। पूर्व में वेण्डरों के द्वारा बिल व्हाउचर्स में गलत जीएसटी नंबर अंकित कर शासकीय भुगतान प्राप्त किया जाता था, परंतु अब ऐसा संभव नहीं हो सकेगा। वित्त विभाग द्वारा इस संबंध में निर्देश जारी कर कहा गया है कि शासकीय विभाग या स्थापना, स्थानीय प्राधिकारी, शासकीय अभिकरण, शासन के किसी भी डीडीओ द्वारा (किसी कराधेय वस्तु या सेवा हेतु) रूपये 2.50 लाख से अधिक भुगतान होने पर, 2 प्रतिशत (1 प्रतिशत सीजीएसटी 1 प्रतिशत एसजीएसटी अथवा 2 प्रतिशत आईजीएसटी) की दर से स्रोत पर कटौती किया जाना है।
प्रशिक्षण में बताया गया कि अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार सभी शासकीय विभागों तथा स्थानीय प्राधिकारियों को जीएसटी, के अंतर्गत स्रोत पर कटौती कर्ता के रूप में रजिस्ट्रेशन लिया जाना है। विभागों द्वारा खरीदी जाने वाली सामग्री, मशीन-उपकरण, फर्नीचर, स्टेशनरी अथवा अन्य कोई भी वस्तुएं, निर्माण कार्यों एवं ठेकों तथा लिये जाने वाली किसी भी प्रकार की सेवाओं की राशि पर जीएसटी-टीडीएस करने के पश्चात्वर्ती माह की 10 तारीख तक रिटर्न जीएसटीआर-7 में प्रस्तुत किया जाना है।
कई विभागों, कार्यालयों द्वारा जीएसटी टीडीएस डिडक्टर के रूप में उक्त प्रावधानों के अंतर्गत जीएसटी पंजीयन नहीं लिया गया है तथा पंजीयन लेने वाले प्राधिकारियों द्वारा सही प्रकार से जीएसटी की स्रोत पर कटौती संबंधी प्रावधानों का पालन नहीं किया जा रहा है। इससे राज्य शासन को जीएसटी से प्राप्त होने वाले राजस्व की क्षति हो रही है। इस संबंध में विभागों को निर्देशित किया गया है कि समस्त भुगतानकर्ता प्राधिकारियों, आहरण एवं संवितरण अधिकारियों द्वारा केंद्रीय एवं छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 के अंतर्गत स्रोत पर कटौती के प्रावधानों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी वस्तु अथवा सेवा प्रदायकर्ता द्वारा एक वित्तीय वर्ष के दौरान एक ही क्रय/सेवा आदेश के विरूद्ध पृथक-पृथक देयकों में राशि का विभाजन करते हुए जीएसटी की स्रोत पर कटौती हेतु निर्धारित 2.5 लाख की सीमा का उल्लंघन न हो। इसके साथ ही समस्त कोषालयों, उप कोषालयों, निर्माण विभागों, वन विभाग के भुगतान प्राधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि आहरण एवं संवितरण अधिकारियों द्वारा वस्तु एवं सेवा प्रदाय के भुगतान संबंधी प्रस्तुत देयकों में प्रदायकर्ताओं की जीएसटीआईएन को चिन्हांकित करने की व्यवस्था की जाए तथा देयकों के भुगतान के पूर्व यह भी सुनिश्चित किया जाए कि प्रदायकर्ता द्वारा दिया गया जीएसटीआईएन वर्तमान में सक्रिय/वैध हो।