युद्ध और विवादों से पर्यटन उद्योग को बड़ी चोट
नई दिल्ली । आतंकी संगठन हमास द्वारा इजराइल पर किए गए हमले के बाद से भारत समेत पूरे विश्व से इजराइली स्वदेश लौट रहे हैं। ताकि वह जंग के मैदान में हमास के आतंकियों का मुंह तोड़ जवाब दे सकें। इसके लिए उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में मौजूद इजराइली पर्यटक दिल्ली इकट्ठा होने के बाद स्वदेश की ओर बढ़ रहे हैं। ये नेपाल और श्रीलंका समेत अन्य देशों से इजराइल पहुंचने की कोशिश में हैं, क्योंकि भारत से उनके देश के लिए सीधे हवाई सेवा उपलब्ध नहीं है। वैसे, अचानक आए इस युद्ध संकट से देश के पर्यटन उद्योग की मुश्किलों को और बढ़ा दिया है, क्योंकि यह पर्यटन का मौसम है और इजराइल से प्रतिवर्ष 70 हजार से अधिक पर्यटक भारत आते हैं। देश का पर्यटन उद्योग पहले से ही रूस-यूक्रेन युद्ध और खालिस्तानी आतंकी की हत्या को लेकर कनाडा के साथ बिगड़े रिश्ते से मुश्किल में है। अब इजराइल-हमास युद्ध ने संकट और बढ़ा दी है। पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों के अनुसार कोरोना काल में यह उद्योग सीधे जमीन पर आ गया था। पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, प्रतिवर्ष रूस से ढाई लाख और यूक्रेन से 29 हजार से अधिक पर्यटक भारत आते थे। इसी तरह कनाडा से आने वाले पर्यटकों की संख्या भी साढ़े तीन लाख से अधिक है। इन देशों समेत इजराइल से भारत में प्रति वर्ष सात लाख से अधिक पर्यटक आते हैं। इनमें बड़ी संख्या भारतवंशियों की भी है। पर्यटन मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट 2022-23 के अनुसार, वर्ष 2022 में कुल 61 लाख 91 हजार विदेशी पर्यटक भारत आए थे। इस तरह प्रभावित देशों के पर्यटकों की भागेदारी करीब 10 प्रतिशत है। जबकि, कोरोना पूर्व देश में आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या एक करोड़ से अधिक थी। इंडियन एसोसिएशन आफ टूर आपरेटर्स (आइएटीओ) के अध्यक्ष राजीव मेहरा के अनुसार अभी भी पर्यटन उद्योग कोरोना पूर्व की स्थिति में नहीं लौटा है। हमारी कोशिश थी कि अगले वर्ष तक इस लक्ष्य को वापस पा लें, लेकिन अभी लगता है कि इसमें कुछ वर्ष और लग सकते हैं। उनके अनुसार रूस से पर्यटक आ रहे हैं, लेकिन यूक्रेन व कनाडा के साथ अब यूक्रेन के मोर्चे पर मुश्किलें हैं