भोपाल । ओंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट द्वारा वीआईपी दर्शन व्यवस्था को सुविधाजनक बनाने के लिए पृथक मार्ग का निर्माण किया जा रहा है। भीड़ की वजह से वीआईपी दर्शनार्थियों को शुल्क देने के बाद भी भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के लिए दिक्कत और आम श्रद्धालुओं के विरोध का सामना करना पड़ता है। इसे देखते हुए मंदिर ट्रस्ट द्वारा लंबे समय से अनुपयोगी छह मंजिला रैंप का उपयोग वीआइपी दर्शन के लिए करने की योजना बनाई है। वीआईपी दर्शनार्थियों को रैंप से महाकालेश्वर मंदिर होते हुए सुखदेव मुनि गेट से लाने की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए रैंप तक विशेष मार्ग का निर्माण किया जा रहा है। इस पर करीब 28 लाख रुपये खर्च होंगे।


छह मंजिला रेंप से सीधे महाकालेश्वर मंदिर तक बनेगा नया मार्ग

मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी राव जंगबहादुर सिंह ने बताया कि वर्तमान में दानस्वरूप तीन सौ रुपये शुल्क देकर वीआईपी दर्शन की व्यवस्था की गई है। अभी ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर तक पहुंचने के लिए संकीर्ण मार्गों और सीढिय़ों से गुजरना पड़ता है। इससे दर्शनार्थियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कई बार वीआइपी शुल्क अदा करने के बाद भी अनेक दर्शनार्थी दर्शन से वंचित रह जाते हैं। इस समस्या का हल निकालने के लिए मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी जंगबहादुर सिंह और सहायक कार्यपालन अधिकारी अशोक महाजन ने बताया कि वीआईपी दर्शनार्थियों को मंदिर परिसर तक पहुंचने के लिए छह मंजिला रैंप से महाकालेश्वर मंदिर को जोडऩे के लिए लोहे की सीढिय़ां व स्ट्रक्चर का निर्माण करवाया जा रहा है।
यह कार्य प्रारंभ करने पर कुछ आपत्ति व विरोध की वजह से कार्य रुक गया था। जनहित में इसे शुरू करवाया गया है। इसके निर्माण से दर्शनार्थियों को सुविधा के साथ ही वीआईपी दर्शन से मंदिर ट्रस्ट की आय में वृद्धि हो सकेगी।
ट्रस्टी जंगबहादुर सिंह ने बताया कि नए मार्ग का कार्य रुकने से मंदिर ट्रस्ट की आय में लगभग तीन करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। श्रद्धालुओं की भीड़ और आगामी सिंहस्थ को देखते हुए प्रशासन ने इस नए मार्ग के निर्माण कार्य को प्राथमिकता से शीघ्रताशीघ्र पूर्ण करने के आदेश दिए हैं। सावण माह के पूर्व वीआईपी मार्ग चालू करने का लक्ष्य हैं। ट्रस्टी सिंह ने बताया कि इस राशि को श्रद्धालुओं के हित में ही व्यय किया जाएगा। वर्तमान में प्राप्त होने वाली दानराशि से श्रद्धालुओं को ओंकारेश्वर प्रसादालय में मात्र 30 रुपये में स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए नर्मदा में दुर्घटनाओं से बचाव के लिए नावों की व्यवस्था की जाती है।
साथ ही दुर्घटना के समय त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस में चालक की कमी होने के कारण श्रद्धालुओं की जान पर बन आती थी। इस समस्या के समाधान के लिए मंदिर ट्रस्ट द्वारा स्थायी वाहन चालक की व्यवस्था की गई है। ट्रस्ट की आय बढऩे से मंदिर में सुविधाओं का इजाफा और अन्य विकास कार्य हो सकेंगे।