दिल्ली- मेरठ आरआरटीएस कारिडोर पर साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किमी लंबे प्राथमिकता खंड पर ट्रेन शुरू होने से पूर्व राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसी आरटीसी) इसके सफर को और बेहतर बनाने में जुट गया है। इसके लिए एनसीआरटीसी की प्रबंधन टीम को गंभीरता से काम करने को कहा गया है।

कितनी रहेगी ट्रेन की रफ्तार?

मालूम हो कि प्राथमिकता खंड पर ट्रेन का संचालन कभी भी शुरू हो सकता है। पीएम नरेन्द्र मोदी से उदघाटन की तारीख मिलना भर बाकी है। गौरतलब है कि रैपिडएक्स हाई स्पीड ट्रेन है। यह दिल्ली से मेरठ तक 82.5 किमी की दूरी केवल 55 मिनट में पूरी करेगी। ट्रेन की गति औसतन 100 किमी प्रति घंटा रहेगी। एनसीआरटीसी का मानना है कि ट्रेन का सफर तो काफी कम समय में पूरा हो जाएगा, लेकिन प्लेटफार्म से ट्रेन में प्रवेश और फिर निकास में भी अधिक समय नहीं लगना चाहिए। कारण, अगर इसमें अधिक समय लगता है तब हाई स्पीड ट्रेन चलाने का मकसद भी अधूरा रह जाएगा।

सुरक्षा जांच के लिए ली जा सकती है एआइ की मदद

अधिकारियों के मुताबिक एनसीटीसीटी के एमडी विनय कुमार सिंह ने प्रबंधन टीम को इस दिशा में कुछ कारगर उपाय करने को कहा है। मसलन, सुरक्षा और स्कैनर में सामान की जांच में लगने वाला वक्त कम करने के लिए एआइ की मदद ली जा सकती है। एआइ की मदद से ट्रेन में प्रतिदिन सफर करने वाले यात्रियों की पहचान आसान हो जाएगी। इसी तरह स्कैनर में लगने वाली लाइन कैसे कम की जाए, इस पर भी काम चल रहा है। जांच के बाद प्लेटफार्म के गेट पर लाइन न लगे, इस लेकर भी विचार-विमर्श किया जा रहा है। एनसीआरटीसी अधिकारियों के मुताबिक इस दिशा में कुछ सुविधाएं पहले ही तैयार कर ली गई हैं। जैसे, यात्री अपनी टिकट मोबाइल से ही जनरेट कर सकेंगे और क्यू आर कोड के जरिये उन्हें प्रवेश मिल जाएगा। इसी तरह रैपिडएक्स स्टेशनों पर ''लास्ट माइल कनेक्टिविटी'' की सुविधा को लेकर भी पूरी रूपरेखा बना ली गई है। इसके अलावा प्लेटफार्म पर पहुंचकर यात्रियों को ट्रेन के लिए ज्यादा इंतजार न करना पड़े, इसको ध्यान में रखते हुए टिकट जनरेट होने के बाद मोबाइल पर ही अगली ट्रेन के प्लेटफार्म पर आने का सही वक्त भी आ जाएगा।