केजरीवाल में नैतिकता है तो मुख्यमंत्री पद से तुरंत इस्तीफा दें - डॉ. मोहन यादव

भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद लगातार की जा रही बयानबाजी को लेकर उन पर निशाना साधा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोप में जेल गए अरविन्द केजरीवाल अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर आए हैं। केजरीवाल को अदालत ने जिन सबूतों पर जमानत दी है उसका वे उल्लंघन कर लगातार बयानबाजी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अगर अरविन्द केजरीवाल में नैतिकता है तो वे तुरंत अपने पद से इस्तीफा देकर दिल्ली की जनता से माफी मांगना चाहिए। जब हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट, जिला कोर्ट सब जगह से जिस ढंग से वह बेल करने के लिए लालायित थे और हर कोर्ट ने, हर बार हर तारीख पर जो उनके बारे में टिप्पणियां की हैं, मुझे लगता है कि इस स्थिति में कोई भी थोड़ा समझदार व्यक्ति होगा तो वह तुरंत इस्तीफा देगा। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को दिल्ली सरकार की किसी फाइल पर साइन करने का अधिकार नहीं है। यह उसी प्रकार से है जैसे किसी व्यक्ति के शरीर में प्राण नहीं हो और वह व्यक्ति काम करें। मुझे लगता है केजरीवाल वेंटिलेटर पर है ।


पूरे देश से माफी मांगें केजरीवाल  


मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिस आधार पर उन्हें जेल से बेल मिली है उसकी शर्तों में कोर्ट ने उनसे कहा है किसी प्रकरण या पॉलिसी में बोलना नहीं है। अपने बारे में कोई चर्चा नहीं करना है और वहीं बाहर आकर कह रहे हैं कि मैं तानाशाह से लड़ रहा हूं तो जनता सब जानती है जनता कभी माफ नहीं करेगी। निष्कलंक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जिस प्रकार से देश आगे बढ़ रहा है, स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। वर्तमान समय की जो स्थितियां हैं इसे देखकर लगता है कि केजरीवाल को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। बड़ी बात यह है कि एक राजनेता को इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए। देश के इतिहास में केजरीवाल की यह घटना गलत उदाहरण पेश करेगी। इसके लिए अरविंद केजरीवाल को पूरे देश से माफी मांगना चाहिए।


केजरीवाल की जिद मतदाताओं का अपमान


डॉ. यादव ने कहा कि एक मुख्यमंत्री जिस प्रकार की जिद्द कर रहे हैं यह देश का दुर्भाग्य है। उन्होंने शराब नीति में पैसा खाया है, इस आरोप में वे जेल में रहे हैं। यह हमारे देश का चरित्र नहीं है। यह जो कुछ भी हुआ है उनकी पार्टी को जितने वोट मिले थे, उन सारे मतदाताओं का अपमान है। एक के बाद एक केजरीवाल जैसे व्यक्ति सामने आ रहे हैं, जिन्हें ऐसा माना जाता था कि वह इन सब बातों को समझते हुए व्यवहार करेंगे। लेकिन पता नहीं ऐसी क्या स्थिति बनती है कि व्यक्ति ऐसे निर्णय लेने को तैयार हो जाता है। एक प्रकार से यह खराब समय शुरू होने की निशानी है।