नई दिल्ली । अब एक नया स्वदेशी सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी समाधान 5जी नेटवर्क पर होने वाले जीरो डे वल्नरेबिलिटीज अटैक (या जीरो डे भेद्यता हमलों) का सक्रियता से पता लगाने और उनकी रोकथाम करने में सक्षम है और इस प्रकार नेटवर्क डाउनटाइम में भी कमी आ सकती है। इससे देशव्यापी संचार को सुचारू बनाने में मदद मिल सकती है क्योंकि निकट भविष्य में 5जी नेटवर्क इसकी जीवन रेखा बन जाएगा। 5जी तकनीक का लगभग नब्बे प्रतिशत हिस्सा अनेक नवीनतम प्रौद्योगिकियों (एनएफवी, एसडीएन, कंट्रोल प्लेन/यूजर प्लेन सेग्रीगेशन) को एकीकृत करके सॉफ्टवेयर में लागू किया जाता है, जो प्रौद्योगिकी का आसानी से परीक्षण करने में सक्षम बनाता है। लेकिन इस प्रक्रिया में हमले का सतह क्षेत्र (या सर्फेस एरिया) कई गुना बढ़ जाता है और इसे मैन्युअल रूप से प्रबंधित करना असंभव हो जाता है। इसका एकमात्र स्थायी समाधान संपूर्ण परीक्षण प्रक्रिया को स्वचालित करना और इसकी लगातार  निगरानी करना है। वर्तमान में अधिकांश रनटाइम शून्य-डे वल्नरेबिलिटीज अटैक की पहचान हमले के बाद में ही हो पाती है, जिससे ब्रांड को नुकसान पहुंचता है और साथ ही पुनर्प्राप्ति की लागत भी बढ़ जाती है।