चमचमाते बर्तन. राजस्थानी शैली की थाली का स्वाद चखेंगे विदेशी मेहमान
नई दिल्ली । जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने वाले विभिन्न राष्ट्राध्यधों और विदेशी मेहमानों को भारतीय संस्कृति और विरासत की झलक पेश करते हुए बर्तनों में भोजन कराया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, इन बर्तनों को जयपुर स्थित आइआरआइएस मेटल वेयर द्वारा बनाया गया है। इंडिया हैबिटेट सेंटर में मंगलवार को बर्तनों की प्रदर्शनी की गई। इन बर्तनों पर सोने-चांदी का पानी किया गया है। कंपनी के मालिक राजीव पाबुवाल व उनके बेटे लक्ष्य पाबुवाल ने बताया कि यह बर्तन दिल्ली के उन सभी होटल में भेजे गए हैं, जहां पर विदेशी मेहमान ठहरेंगे। जी-20 के लिए आने वाले विभिन्न राष्ट्राध्यधों और अन्य होटलों में विदेशी मेहमानों के लिए तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। इन्हीं बर्तनों में सभी को खाना परोसा जाएगा। इन बर्तनों में राजस्थानी थाली भी शामिल है। जी-20 देशों के साथ ही आमंत्रित नौ देशों के एक-एक विशिष्ट धरोहर जी-20 सम्मेलन न सिर्फ राजनीतिक व आर्थिक संबंधों को प्रगाढ़ करेगा, बल्कि साझी सांस्कृतिक विरासत का भी गवाह बनेगा। नौ सितंबर से शुरू हो रहे दो दिवसीय जी-20 सम्मेलन में राष्ट्राध्यक्षों के लिए भारत मंडपम के सम्मेलन कक्ष के बाहर सांस्कृतिक गलियारे का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें साझी सांस्कृतिक विरासत को सजीव व डिजिटल प्रदर्शित करने की तैयारी है। इसमें जी-20 के साथ ही आमंत्रित नौ देशों के विशिष्ट धरोहरों को दर्शाया जाएगा। इसमें सांस्कृतिक, प्राकृतिक, लोकतांत्रिक समेत अन्य वर्ग बनाए गए हैं। संग्रहालय में अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, बांग्लादेश, सिंगापुर, रूस, अमेरिका समेत अन्य सभी देशों के धरोहर होंगे। विशेष बात कि इस प्रदर्शनी को जी-20 आयोजन के बाद आम लोगों के लिए भी उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें देश की प्राचीन ज्ञान परंपरा को प्रदर्शित करने के लिए पाणिनी के आठवें अध्याय को रखा गया है। इसी तरह चीन से फहुआ जार, फ्रांस से मोनालिसा की पेंटिंग, ब्राजील से ग्रेटेंबर्ग बाइबल, स्पेन का घंटा, जापान का कसोदे, मारीशस के रावण नाम के वाद्य यंत्र समेत अन्य धरोहरों को सजीव या डिजिटल रूप से प्रदर्शित किया जाएगा। भारत की सांस्कृतिक विशिष्टता को कुंभ मेला, योग, वेदों का सस्वर पाठ, समेत अन्य होंगी। जबकि प्राकृतिक धरोहर में हिमालय की सुंदरता, रायल बंगाल टाइगर, गंगा के साथ ही अन्य को प्रदर्शित किया जाएगा। जी-20 देशों के राष्ट्राध्यक्ष को इन धरोहरों को उनकी ही भाषा में स्टोरी टेली के माध्यम से देने की तैयारी है। इसके लिए अंग्रेजी समेत संयुक्त राष्ट्र की तय छह भाषाएं चयनित की गई है। मामले से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक, इस प्रदर्शनी को 10 सितंबर के बाद आम लोगों के लिए भी प्रदर्शित करने की तैयारी है। इस वर्ष 20 नवंबर तक भारत के पास जी 20 की अध्यक्षता है।