अयोध्या के साथ रावण की जन्मस्थली में विराजेंगे राम
नई दिल्ली । अयोध्या स्थित राम मंदिर में एक तरफ जहां रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। वहीं रावण की जन्मस्थली कहें जाने वाले बिसरख स्थित प्राचीन शिव मंदिर में भगवान राम परिवार के साथ विराजेंगे। जिसकी तैयारियां पिछले कई दिनों से चल रही थी। रविवार को रामपरिवार समेत भगवान हनुमान की मूर्ति का शुद्धिकरण हुआ। मूर्तियों को दुग्ध व गंगाजल से नहलाया गया। प्राचीन शिव मंदिर के महंत रामदास ने बताया कि यज्ञ हवन के साथ शुद्धिकरण का कार्यक्रम संपन्न हुआ। बिसरख गोलचक्कर से शोभायात्रा निकाली जाएगी। जिसके बाद भगवान राम को परिवार समेत मंदिर में विराजमान कर वैदिक मंत्रों के साथ प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। मान्यता है कि रावण के पिता ऋषि विर्श्वा की बिसरख क्षेत्र तपोस्थली था। रावण के जन्म के लिए उन्होंने यहीं शिवलिंग स्थापित कर पूजा-अर्चना की थी। ग्रेटर नोएडा वेस्ट गौर सिटी सोसायटी के राधा कृष्ण पार्क में रामोत्सव मनाने की तैयारी जोरों पर है। रामलीला सेवा ट्रस्ट के पदाधिकारी दिनभर तैयारियों में जुटे रहे। रामलीला सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष ज्ञानेश शर्मा ने बताया कि सोमवार सुबह से ही धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। सुबह 10 बजे रामदरबार की स्थापना की जाएगी। पांच कुंडली महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा। दादरी विधायक प्रतिनिधि व रामलीला सेवा ट्रस्ट के सदस्य दीपक यादव ने बताया कि लोग अयोध्या में होने जा रहे भव्य कार्यक्रम को लाइव देख सकें इसके लिए बड़ी स्क्रीन लगाई गई है। मीडिया प्रभारी मनीष श्रीवास्तव व प्रशांत मिश्रा ने बताया बताया कि ट्रस्ट ने 11 हजार 111 दीप जलाने का फैसला लिया है। वहीं 11 हजार दीप विभिन्न सोसायटी के लोग आकर जलाएंगे। पूर्व संध्या होते ही पार्क दीपों की रोशनी से जगमग होगा। 351 किलो के लड्डू प्रसाद के रूप में वितरण किया जाएगा।