प्रदेश में कृषि कार्य में बेहतर विकास की संभावना बनेगी

भोपाल । मप्र में भारतीय खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएफपीटी) खोलने की तैयारी चल रही है। खाद्य प्रसंस्करण में अनुसंधान और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ये संस्थान अभी देश के तमिलनाडु राज्य के तंजावुर में स्थित है। अब उज्जैन स्थिति विक्रम विश्वविद्यालय में आईआईएफपीटी खोलने का प्रस्ताव बनाया जा रहा है। उज्जैन में संस्थान खुलता है तो निश्चित तौर पर यह उज्जैन ही नहीं वरन पूरे मध्यप्रदेश के लिए बड़ी सौगात होगी। प्रस्ताव स्वीकृत हुआ तो उज्जैन को 550 करोड़ रुपये मिलेंगे।
संभागायुक्त संजय गुप्ता के सुझाव पर उज्जैन में आईआईएफपीटी की स्थापना कराने को प्रस्ताव बनाया जा रहा है। प्रस्ताव स्वीकृत होने पर उज्जैन सहित संपूर्ण मालवा-निमाड़ अंचल में कृषि कार्य में उत्तरोत्तर प्रगति होगी। खाद्य पदार्थों में नए-नए शोध होने से उज्जैन का नाम विश्व स्तर पर चमकेगा। परिणाम, खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों की संख्या और उत्पादन बढऩे के रूप में भी दिखेगा। इसी कड़ी में विक्रम विश्वविद्यालय गत वर्ष यहां दो करोड़ रुपये की फूड टेक्नोलॉजी की लैब ‘एस्पायर’ योजना अंतर्गत खोलने को प्रस्ताव सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) को भेज चुका है। प्रस्ताव के अमल में आने पर विद्यार्थी न केवल खाद्य पदार्थों को लंबे समय तक उपयोगी बनाए रखने की तकनीक सीख पाएंगे बल्कि अपनी खाद्य प्रसंस्करण यूनिट स्थापित कर लोगों को रोजगार देने वाले उद्यमी बन पाएंगे। इससे विश्वविद्यालय की आय में भी इजाफा होगा। लैब, इनक्यूबेशन सेंटर और प्रौद्योगिकी केंद्र के रूप में पहचान बनाएगी। लैब में खाद्य पदार्थों की लाइफ बढ़ाने के लिए मशीनें स्थापित की जाएंगी। जहां फलों का जूस, जेम बनाने, अचार बनाने, मसालों का पाउडर बनाना सिखाया जाएगा। विश्वविद्यालय, उद्योगों की मैपिंग भी करेगा। वहीं पाठ्यक्रम पढ़ाएगा जिसकी इंडस्ट्री में मांग होगी। या जिन उद्योगों के खुलने की संबंधित क्षेत्र में संभावना होगी। लैब स्थापित होने से यहां फल, सब्जी का उत्पादन भी बढ़ेगा।

 

आईआईटी का सैटेलाइट कैम्पस खोल चुकी सरकार


इसके पहले मध्यप्रदेश की सरकार उज्जैन को एजुकेशन हब के रूप में पहचान दिलाने के लिए आईआईटी का सैटेलाइट कैम्पस उज्जैन में खुलवा चुकी है। अगले कुछ सप्ताह में यहां सरकारी मेडिकल कॉलेज की नींव भी रखी जाने वाली है। आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज, विक्रम विश्वविद्यालय, महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय यहां पहले से मौजूद है। शिक्षा के क्षेत्र में यहां कई उत्तरोत्तर कार्य आगामी दिनों में होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को उज्जैन को धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के साथ उज्जैन को साइंस सिटी, उद्योग नगरी और एजुकेशन हब बनाने की घोषणा कई बार कर चुके हैं।