दिल्ली से मॉनिटरिंग और नोएडा में ऑपरेशन एल्विश के पीछे लगी थी पीएफए
नई दिल्ली । सांप और सपेरे के चक्कर में फंसे बिग बॉस विजेता एल्विश यादव मामले की पटकथा गुरुग्राम में लिखी गई थी और दिल्ली से इसकी मॉनिटरिंग हो रही थी, जबकि नोएडा में इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। मामले में पीपुल्स फॉर एनिमल संस्था ने सपेरों और राहुल के साथ-साथ एल्विश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी लेकिन अब पुलिस को एल्विश और राहुल के बीच के कनेक्शन को जोड़ने में पसीना आ रहा है। अब तक एल्विश को न कोई नोटिस न ही पूछताछ के लिए नोएडा पुलिस ने संपर्क किया है। यूट्यूबर एल्विश के सांप के साथ सैकड़ों वीडियो व फोटो सोशल मीडिया पर है। कई बार एल्विश पर सांप की तस्करी करने व स्नैक बाइट के आरोप लगे थे। इसके बाद मेनका गांधी संचालित पीएफए संस्था इसकी पड़ताल में लग गई। इसके लिए पहले गुरुग्राम में तैयारी की गई और वहां पर रेव पार्टी आयोजन करने को लेकर एल्विश के लोगों से संपर्क किया गया लेकिन वहां बात नहीं बनी। इसके बाद इस पटकथा को नोएडा में आगे बढ़ाया गया और पीएफए शुरुआती बाजी में मार गई। इसके बाद पीएफए की तरफ से कोतवाली सेक्टर-49 पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करा दी। पूरे मामले की मॉनिटरिंग दिल्ली से हो रही थी। अब जब यह मामला हाईप्रोफाइल बन गया तब नोएडा पुलिस भी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। पीपुल्स फॉर एनिमल संस्था की तरफ से एनसीआर से लेकर अन्य शहरों में संगठन बनाया गया है, हालांकि वर्तमान में नोएडा में पीएफए की यूनिट नहीं है। अभी दिल्ली व आसपास के शहरों के लोग ही यहां काम करते हैं। इस प्रकरण में भी जो पीएफए की टीम लगी हुई थी, वह गाजियाबाद की बताई जा रही है। पीएफए के पूर्व कानूनी सलाहकार विशाल गौतम का कहना है कि मामले की जांच होनी चाहिए, हालांकि प्राथमिक जानकारी के मुताबिक एल्विश की मामले में किसी तरह की भूमिका नहीं दिखाई दे रही है।