मध्य प्रदेश नर्सिंग घोटाला (MP Nursing Scam) में मामले में फर्जी तरीके शे मान्यता दिलाने के लिए पूरा सिस्टम ही लगा हुआ है।

इसका नतीजा देख देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी को हाई कोर्ट की निगरानी में जांच सौपी गई, लेकिन इस जांच में भी फर्जीवाड़ा हो गया।

कॉलेजों को जांच में सही बताने के लिए लाखों रुपए की घूस ली गई। इसको देख राज्य सरकार ने भी मामले में नोटिस लिया है।

आपको बता दें कि शुक्रवार को 19 डिप्टी कलेक्टर रैंक के अफसरों को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है।

इन अधिकारियों को 2022 के बाद नर्सिंग काउंसिल ने जांच टीम में शामिल किया था। इन्होंने 66 अपात्र नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता के लिए गलत तरह से जांच कर रिपोर्ट सौंपी थी।

वहीं नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार अभिषेक दुबे के मुताबिक, 17 राजस्व अधिकारी और 19 डिप्टी कलेक्टर को नोटिस जारी करने के लिए GAD को पत्र लिखा गया है।

पहले मान्यता और संबंद्धता में गड़बड़ी

111 डॉक्टर्स और नर्सिंग ऑफिसर ने निरीक्षण के दौरान गलत रिपोर्ट बनाकर दी। CBI जांच में 66 नर्सिंग कॉलज अपात्र मिले। संबंद्धता के दौरान 85 डॉक्टर्स और निजी नर्सिंग कॉलेज की फैकल्टी ने गड़बड़ी की।

19 SDM ने ये किया

2022 में नियम बदलकर मान्यता के लिए बनाई गई जांच टीम में संबंधित क्षेत्र के SDM भी थे। इन्होंने गलत रिपोर्ट बनाई।

1 तहसीलदार, 13 नायब तहसीलदार ने ये किया

18000 वर्गफीट की जमीन पर नर्सिंग कॉलेज नहीं थे। फिर भी रिपोर्ट में इन्हें सही बताया।

घूस लेकर किया फर्जीवाड़ा

CBI ने 23 लोगों के खिलाफ जांच में लेन-देन के चलते मामला (MP Nursing Ghotala) दर्ज किया। इसमें से 13 गिरफ्तार हो चुके हैं। हाई कोर्ट ने जांच सौंपी, घूस लेकर कॉलेजों को क्लीन चिट दी।

इन कॉलेजों की भी होगी जांच

CBI प्रदेश में नर्सिंग डिप्लोमा कोर्स कराने वाले 470 नर्सिंग कॉलेजों की जांच करेगी। इसके लिए मप्र नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने डिप्लोमा कोर्स वाले 470 कॉलेजों (MP Nursing Ghotala) की लिस्ट CBI को सौंप दी है।