बाढ़ के पानी से हुआ लाखों का नुकसान....
यमुना किनारे स्थित न्यू अरुणा नगर (तिब्बती कालोनी) व कश्मीरी गेट स्थित तिब्बती बाजार की सैकड़ों दुकानें तथा रेस्तरा नौवें दिन भी बंद रही। ये केवल बंद ही नहीं है बल्कि यह गाद की ढेर में तब्दील हैं, जिसके नीचे दुकानों और रेस्तरा में रखे लाखों रुपये के सामान खराब हो चुके हैं।
लोन की किस्त चुकाने की चिंता से परेशान
बाढ़ का पानी जब वापस यमुना में वापस समाने चला है तब इन्हें फिर से संवारकर आकार देने की जद्दोजहद के साथ ही इनके मालिकों के सामने अपने कारोबारी प्रतिष्ठान का हजारों रुपये का किराया और ऋण की किस्त चुकाने की चिंता परेशान किए हुए हैं। मायूस दुकानदार कहते हैं कि इतना नुकसान और अंधकारमय भविष्य तो कोरोना काल में भी नहीं था। उस दौर में कम से कम सामान सुरक्षित थे और एक अंतराल के बाद कारोबार सुचारू था। सिग्नेचर ब्रिज के नजदीक मजनूं का टीला इलाके में स्थित तिब्बती कॉलोनी में यमुना के किनारे के क्षेत्र में 10 फीट तक पानी भर गया था। तकरीबन 400 घरों में से 200 में बाढ़ का पानी चला आया था। इन्हीं घरों में रेस्त्रां व दुकानें चलती हैं। तिब्बती कालोनी में अपने रेस्तरां में गंदे बर्तनों को धोते हुए मनीष कुमार कहते हैं कि उनका रेस्तरा पूरी तरह से बाढ़ के पानी में डूब गया था। रेस्तरा के सोफे, बर्तन, खाद्य सामान, काफी मशीन, एसी, पंखा, लाइट समेत सभी सामान खराब हो गया है। करीब पांच लाख रुपये का नुकसान हुआ है। वह कहते हैं कि कोरोना काल में भी उनका रेस्तरा चल रहा था। कम से कम पैकेट बंद भोजन की आपूर्ति होती थी। कुछ यहीं हाल स्विस कैफे, टीके रेस्तरा समेत अन्य का था। इसी तरह बढ़ई का काम करने वाले सनी की दुकान भी बाढ़ के पानी में डूब गई थी। न्यू अरुणा नगर आरडब्ल्यूए के महासचिव करमा लोडेए कहते हैं कि बाढ़ की इस तरह की विभिषका पहले नहीं देखी गई थी। कश्मीरी गेट स्थित तिब्बती मार्केट में अपने दुकान से गंदे हो गए जिंस पेंट और टीशर्ट को बाहर रखकर दुकान साफ करती बिंदू कहती है कि तकरीबन दो लाख रुपये के परिधान खराब हो गए हैं।
बाढ़ के पानी से हुआ लाखों का नुकसान
बाढ़ का पानी इतना तेजी से बाजार में घुसा कि सामान हटाने की भी मोहलत नहीं मिली। उनके दुकान का किराया दो लाख रुपये सालाना है। 10 दिन वैसे निकल गए। अभी भी बाजार में बाढ़ का पानी जमा है। ऐसे में दुकान खोलने में भी कम से कम 10 दिन और लग जाएंगे। बाजार के प्रधान धर्गयाल के अनुसार इस बाजार में 350 दुकानें हैं। हर दुकानदार को बाढ़ के पानी से नुकसान पहुंचा है।तिब्बती मार्केट में बिजली की आपूर्ति नहीं तिब्बती मार्केट में बाढ़ का पानी निकालने का क्रम बुधवार को भी जारी रहा। बाढ़ का पानी जमा होने की वजह से यहां अभी भी बिजली की आपूर्ति बाधित है। अभी भी बाजार की दुकानें नहीं खुली है। वैसे, दुकानदारों द्वारा दुकानें खोलकर सामानों की सफाई का काम शुरू कर दिया गया है। दुकानदार जमा पानी में ही सफाई में जुटे हुए हैं। यह मुख्य तौर से परिधानों का बाजार है। नुकसान परिधानों का हुआ है। दुकानदार बिंदू के अनुसार इन परिधानों को इसकी निर्माता कंपनियों को भेजा जाएगा। वह अगर ठीक कर देंगे तो ये बिक्री के काबिल हो जाएंगे।