भोपाल ।जिस वक्फ संपत्ति की आमदनी से गरीब, जरूरतमंद लोगों की मदद की जाना थी, उसको कमेटी के जिम्मेदार बनाए गए लोगों ने अपनी कमाई का जरिया बना लिया। बोर्ड की अनुमति या सूचना के बिना ही बड़ा निर्माण भी कराया गया और इसकी आमदनी को अपनी निजी आय मानते हुए खर्च भी कर दिया गया। अब बदली हुई व्यवस्था में मामले की जांच की गई तो पूर्व कमेटी पर सात करोड़ रुपये से ज्यादा वसूली निकाली गई है।मप्र वक्फ बोर्ड पूर्व कमेटी के पदाधिकारियों को इस रकम के जमा करने का नोटिस जारी दिया है। मप्र वक्फ बोर्ड के इतिहास में संभवतः यह पहली बार हुआ है, जब किसी अपदस्थ कमेटी पर इतनी बड़ी रकम की वसूली का नोटिस जारी हुआ है।मामला उज्जैन स्थित वक्फ दरगाह मदार गेट से जुड़ा है। यहां कार्यरत रही रियाज खान की अध्यक्षता वाली निवर्तमान कमेटी ने बरसों व्यवस्था संभाली, लेकिन मप्र वक्फ बोर्ड कुछ समय पहले यहां कमेटी में बदलाव कर फैजान खान की अध्यक्षता में एक नई कमेटी गठित कर दी है। पुरानी और नई कमेटी के बीच लंबे समय तक विवाद भी चले हैं। नियुक्ति, पदभार और आय व्यय का ब्यौरा देने को लेकर कई अदालती मामले भी चले। इसके बाद अब ताजा मामला मप्र वक्फ बोर्ड द्वारा जारी किया गया नोटिस है।