पांच माह में पांच हजार आवासों का निर्माण पूरा

भोपाल। अपने घर का सपना संजोये गरीब परिवारों की उम्मीदें पूरी करने में मप्र सरकार ने देश में सर्वोत्तम प्रदर्शन किया है। प्रधानमंत्री जन मन आवास योजना के क्रियान्वयन में देश में मप्र पहले नंबर पर है। 27 मई  तक प्रदेश ने 5000 से अधिक आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण किया है। योजना का क्रियान्वयन जनवरी 2024 में हुआ था। 391 आवासों के साथ महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर और 314 आवास बनाकर ओडिशा तीसरे स्थान पर है।
गौरतलब है कि ऐसी ग्राम पंचायतें, जिनमें योजना के अंतर्गत हितग्राहियों की अधिक संख्या थी, उन ग्रामों में कॉलोनी बनाकर आवास बनाए जा रहे हैं, जिसमें आवास के अलावा विभागीय एवं अन्य विभागों के सहयोग से सार्वजनिक चौपाल, सडक़ एवं पेयजल हेतु प्रारंभिक सुविधा के लिए कुएं भी निर्मित कराए जा रहे हैं।  5 महीने पहले राज्य के लिये करीब 85 हजार आवास स्वीकृत किये गए थे। जिसमें 27 मई तक 5004 मकानों को पूरा कर लिया गया। इस मामले में महाराष्ट्र दूसरे, तो उड़ीसा तीसरा स्थान पर रहा है। महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 जनवरी को जनमन योजना के तहत आवास स्वीकृत कर हितग्राहियों को राशि जारी की गई थी। योजना के तहत दो लाख रुपये आवास की सामग्री हेतु, 19,890 रुपये मनरेगा मजदूरी के रूप में एवं 12 हजार रुपये शौचालय निर्माण सहित कुल 2,31,890 रुपये प्रदान किए गए थे। इसके करीब 5 माह में ही स्वीकृत आवासों में 5004 आवासों का निर्माण पूरा कर लिया गया।

शिवपुरी में 1103 आवास पूर्ण


प्रदेश में शिवपुरी जिले में सर्वाधिक लगभग 1103 आवास पूर्ण किए हैं। शहडोल में 934, मंडला में 545 एवं उमरिया में 534 आवास पूर्ण किए गए हैं। शिवपुरी जिले में इस योजना में देश में सर्वप्रथम 1000 आवास पूर्ण किए गए हैं। शिवपुरी जिले के विकासखंड शिवपुरी एवं पोहरी 500 आवास पूर्ण करने वाले देश में प्रथम विकासखंड हैं। प्रधानमंत्री जन मन योजना में शिवपुरी जिले के विकासखंड शिवपुरी में पांच आवासीय कॉलोनी विकसित की जा रही हैं। ऐसी ग्राम पंचायतें, जिनमें योजना के अंतर्गत हितग्राहियों की अधिक संख्या थी, उन ग्रामों में कॉलोनी बनाकर आवास बनाए जा रहे हैं, जिसमें आवास के अलावा विभागीय एवं अन्य विभागों के सहयोग से सार्वजनिक चौपाल, सडक़ एवं पेयजल हेतु प्रारंभिक सुविधा के लिए कुएं भी निर्मित कराए जा रहे हैं। शिवपुरी जिले के दो विकासखंड शिवपुरी एवं पोहरी अन्य राज्यों की तुलना में अधिक आवास पूर्ण करके देश के अन्य राज्यों से भी अग्रणी विकासखंड हैं।

बुनियादी सुविधा समेत पक्का मकान


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच है कि घर की चाबी, सम्मान, आत्मविश्वास, सुनिश्चित भविष्य, नई पहचान और बढ़ती संभावनाओं का द्वार खोलती है। इसी सोच के साथ 2016 में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की शुरुआत हुई थी। हर नागरिक का सपना है उसके परिवार का अपना घर हो। अपना सपना पूरा करने में कई बाधाएं आती हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) इन बाधाओं को करने में प्रभावी सिद्ध हुई है। परिणामस्वरूप मध्यप्रदेश में लाखों लोगों के पास अपना घर है। ग्रामीण क्षेत्रों में बेघर परिवारों और कच्चे एवं जीर्ण-शीर्ण मकानों में रहने वाले परिवारों को 2024 तक बुनियादी सुविधाओं सहित पक्के मकान की सुविधा देने का लक्ष्य है। यह नागरिकों की गरिमा से जुड़ी योजना है। अधिक से अधिक महिलाओं, दिव्यांगों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समुदायों को आवास की सुविधा मिले। आवास में बुनियादी सुविधाओं की आपूर्ति के लिए अन्य योजनाओं का भी सहयोग लिया गया है। शौचालय को पीएमएवाई-जी आवास का अभिन्न अंग बनाया गया है। आवास को केवल तभी पूरा माना जाएगा जब शौचालय का निर्माण कार्य पूरा हो।

गुणवत्ता के लिए कड़ी निगरानी


मकान के निर्माण के विभिन्न चरणों की जियोटैग्ड तथा टाइम स्टैंड फोटोग्राफी को वित्तीय सहायता राशि की अगली किश्तों की रिलीज के साथ जोड़ा जाता है। फोटोग्राफ को निर्माण की गुणवत्ता तथा आवासों के पूरा होने की समीक्षा के लिए उपयोग किया जाता है। लाभार्थियों के निर्धारण से लेकर मकान के निर्माण तक से जुड़ी सहायता प्रदान करने तक के कार्य एमआईएस आवास सॉफ्ट पर किए जाते हैं। लाभार्थियों के खाते में भुगतान प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से किया जाता है। योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए कई स्तरों पर निगरानी की जाती है। सामुदायिक भागीदारी से सामाजिक लेखा-परीक्षा, सांसदों की अध्यक्षता में दिशा समिति की बैठक, राष्ट्र स्तरीय निगरानीकर्ता के माध्यम से योजना के संचालन की समीक्षा नियमित रूप से की जाती है।