भारत में नवाचार या इनोवेशन की अद्भुत क्षमता है। अनुकूल माहौल मिलने से भारत की यह क्षमता अब स्पष्ट तौर पर नजर आ रही है। सरकार की उदार नीतियों के कारण स्टार्टअप्स ईकोसिस्टम फल फूल रहा है। इनमें गजब का आत्मविश्वास आया है। पिछले वित्त वर्ष में भारतीय स्टार्टअप्स ने 83 हजार पेटेंट फाइल किए हैं। पेटेंट फाइल करने में आटिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ), इंटरनेट आफ थिंग्‍स (आइओटी) और न्यूरो टेक्नोलॉजी स्टार्टअप आगे रहे।स्टार्टअप और एमएसएमई (सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यमों) के आइपी पंजीकरण के लिए सरकार ने सब्सिडी, सुविधा केंद्र, मजबूत अनुसंधान और विकास ईकोसिस्टम बनाने में भरपूर मदद की है। नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज कंपनीज (नैसकाम) ने शुक्रवार को अपने वार्षिक 'भारत में पेटेंट रुझान' अध्ययन का सातवां संस्करण जारी किया। इसमें बौद्धिक संपदा (आइपी) अधिकार के साथ डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का विशेष उल्लेख किया गया है।रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2023 में पेटेंट दाखिल करने में 24.6 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर पिछले दो दशकों के बाद सर्वाधिक है। भारत में महिलाओं द्वारा दायर पेटेंट की हिस्सेदारी एक साल पहले के 10.2 प्रतिशत से बढ़कर वित्त वर्ष 2022 में 11.6 प्रतिशत हो गई है। वित्त वर्ष 2023 के दौरान कुल पेटेंट फाइलिंग में 9.3 प्रतिशत के साथ तमिलनाडु ने महाराष्ट्र (6.8 प्रतिशत का योगदान) को पीछे छोड़ शीर्ष स्थान हासिल किया है।