नई दिल्ली ।राजधानी में मृत्यु दर कम होने के बावजूद एक वर्ष तक की उम्र के शिशुओं की मृत्यु दर बढ़ गई है। इस वजह से पिछले साल 7155 शिशु की मौत हो गई, जो तीन वर्षों में सबसे अधिक है। यह बात सिविल पंजीकरण सर्वे (जन्म मृत्यु पंजीकरण) रिपोर्ट से सामने आई है। शिशु मृत्यु दर बढ़ने का एक कारण विशेषज्ञ कोरोना के दौर में बच्चों का नियमित टीकाकरण प्रभावित होना और विभिन्न बीमारियों का संक्रमण अधिक होना बता रहे हैं। वर्ष 2019 दिल्ली में एक हजार जीवित जन्मे बच्चों में शिशु मृत्यु दर 24.12 थी, जो वर्ष 2020 में घटकर 20.37 हो गई थी। इसके बाद दो वर्षों से लगातार शिशु मृत्यु दर में बढ़ोतरी हुई। वर्ष 2021 में दिल्ली में शिशु मृत्यु दर 23.60 थी, जो पिछले वर्ष बढ़कर 23.82 हो गई। शिशु मृत्यु दर स्वास्थ्य सुविधाओं को परखने का एक महत्वपूर्ण मानक है। ऐसे में शिशु मृत्यु दर का बढ़ना दिल्ली की स्वास्थ्य सुविधाओं पर गंभीर सवाल है। 4726 नवजात बच्चे तो अपनी उम्र एक माह भी पूरे नहीं कर पाए। इन बच्चों की मौत चार सप्ताह के भीतर हो गई। इस वजह से नियोनेटल मृत्यु दर 15.26 रही। वहीं चार सप्ताह से 12 माह तक की उम्र के 2429 शिशुओं ने दम तोड़ दिया।