नई दिल्ली। बाहरी दिल्ली के अलग-अलग थाना क्षेत्र की करीब-करीब हर आठवीं गली में नशा बिकता है। बच्चे-बच्चियां, युवक-युवतियां, महिलाओं से लेकर बुजुर्ग तक नशे के कारोबार में लिप्त हैं। कहीं पर थाने के बाहर नशा बिक रही है तो कहीं पर थाने से 500 मीटर दूर।

हालात यह हो गए हैं कि नशा तस्करों को बच्चे रास्ता दिखाते हैं और महिलाएं दाम बताती हैं। बच्चे ग्राहकों को देखकर पहचानने लगे हैं कि वह गली में नशा खरीदने आ रहा है या पुलिस कर्मी है। जब उन्हें पुलिस कर्मी शक होता है तो वह तुरंत अपने स्वजन को इसकी जानकारी दे देते हैं।

हरियाणा व आसपास के राज्यों से ये नशा सीमावर्ती इलाकों में लाया जाता है। बाद में इसे दिल्ली के कोने-कोने में भेज दिया जाता है। शराब कारोबारियों का कहना है कि वह शराब बेचने के लिए पुलिस को महीना (पैसे) देते हैं। इस बारे में पुलिस अधिकारी से बात की गई थी तो उन्होंने नशे व अवैध शराब पर पूरी तरह पाबंदी लगाने के लिए एसीपी को सख्त आदेश दिए, लेकिन वह आदेश धरातल पर दिखाई नहीं दे रहे।

शाहबाद डेरी में चौकी के पास बिक रहा नशा शाहबाद डेरी बस स्टैंड के पास स्थित चौकी से मात्र 400 मीटर की दूरी पर शराब, गांजा, मादक पदार्थ बिकते हैं। बस स्टैंड पर जाकर इलाके के किसी भी व्यक्ति से नशे के बारे में सिर्फ पूछना है।

इसके बाद बच्चे नशा बेचने वालों के घरों का रास्ता बताते हैं और महिलाएं अवैध शराब, गांजा आदि का दाम बताती हैं। जिन बच्चों को स्कूल में पढ़ाई करनी चाहिए वह शराब की ब्रांड के नाम रट रहे हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है कि मां-पिता, दादा, दादी सभी नशा बेच रहे हैं।

प्रह्लादपुर में मां-पिता व बच्चे नशे के कारोबार में लिप्त प्रह्लादपुर की जैन कॉलोनी में जाकर जागरण टीम ने अवैध शराब की पूछताछ की। बच्चे बाइक पर बैठे व शराब कारोबारी के घर तक छोड़कर आए। ये बच्चे दूर से ही पहचान लेते हैं कि गली में आने वाला शख्स शराब के लिए आ रहा है या पुलिस कर्मी है। घर के अंदर से आठ से नौ वर्षीय बच्ची शराब के क्वार्टर लेकर आई। नशा कारोबारियों के पास रह रहे बच्चों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पुलिस कुछ नहीं करती। सभी आते हैं और सड़क पर पैसे लेकर वापस चले जाते हैं।

बच्चों के इस जवाब से हमारी टीम हैरान हो गई। इससे इलाके के बीट स्टाफ पर सवाल खड़े होना लाजमी है। उनकी नाक तले या फिर उनकी देखरेख में चल रहे इन नशे के कारोबार की ही देन है कि इलाके में अपराध बढ़ रहा है। बवाना जेजे कालोनी में दर्जनों जगह बिक रही शराब एनआइए थाना क्षेत्र की बवाना जेजे कालोनी भी अवैध शराब का गढ़ बन चुका है।

अवैध शराब, गांजा, मादक पदार्थ आदि यहां पर आसानी से मिल जाता है। दर्जनों दुकानों पर शराब बिकती है, रेहड़ियों पर गांजा। इस बारे में लोग कई बार शिकायत कर चके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि रात के एक बजे से लेकर पांच बजे के बीच में शराब से भरकर गाड़ियां बवाना जेजे कॉलोनी में पहुंचती हैं। जब उनसे इस बारे में पूछा गया कि इन गाड़ियों को रोकते क्यों नहीं हो तो उन्होंने बताया कि इनके पुलिस को पैसे मिलते हैं, कैसे रोक सकते हैं?

थाने के सामने वर्षों से बिक रही शराब

बुध विहार थाने के सामने वर्षों से अवैध शराब बिक रही है। यहां पर न तो कोरोना महामारी के दौरान शराब की कमी हुई और न ही अब शराब पर कोई पाबंदी लगती है। धड़ल्ले से लोग यहां पर नकदी व ऑनलाइन पेमेंट करके शराब ले लेते हैं। इतने लोग एसएचओ से मिलने नहीं आते, जितने शराब खरीदने आते हैं। बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं होती।