दिल्ली में आप और कांग्रेस कितनी सीटों पर लड़ेगीं मुंबई बैठक में होगा तय
नई दिल्ली । लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी पार्टियों के गठबंधन इंडिया का ऐलान होने के बाद दिल्ली में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। यहां आम आदमी पार्टी इस बार कांग्रेस के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ती नजर आ सकती है। हालांकि, अभी तक इसकी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं के बीच दिल्ली में साथ मिलकर चुनाव लड़ने के लिए विचार विमर्श का सिलसिला शुरू हो चुका है। जल्द ही सीट बंटवारे का गणित तय हो जाएगा। इसके बाद यह साफ होगा कि दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों में से आप और कांग्रेस कितनी-कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगी।
आप के लिए लोकसभा चुनाव कई मायनों में अहम हैं। एक ओर जहां पार्टी अपने राष्ट्रीय विस्तार की संभावनाएं तलाश रही है, वहीं दिल्ली में भी लोकसभा चुनाव में अपना खाता खोलकर दिखाना है। आप ने दिल्ली में पिछले दोनों विधानसभा चुनाव बंपर बहुमत से जीते, लेकिन पिछले दोनों लोकसभा चुनावों में वह अपना खाता तक नहीं खोल सकी। दोनों बार दिल्ली की सातों लोकसभा सीटें बीजेपी के खाते में चली गईं। यहां तक कि सात में से 5 सीटों पर आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर पर रही थी और केवल 18.2 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस को 22.6 प्रतिशत और बीजेपी को 56.9 प्रतिशत वोट मिले थे। अन्य के खाते में 2.3 प्रतिशत वोट गए थे। इसके बाद कांग्रेस के साथ मिलकर आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने में आप को भी फायदा मिलता नजर आ रहा है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता ने बताया है कि इंडिया का गठन ही इस मकसद से हुआ है कि सभी विपक्षी दल एकजुट होकर बीजेपी का मुकाबला करें। इसके बाद यह लगभग तय है कि दिल्ली में लोकसभा चुनाव आप और कांग्रेस मिलकर लड़ने वाले हैं। हालांकि, कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा, इसका फॉर्म्युला मुंबई में होने वाली विपक्षी गठबंधन की तीसरी बैठक के बाद तय होने की उम्मीद है। आप दिल्ली के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी यह देखेगी कि कितनी सीटों पर उसके जीतने की उम्मीद हैं। उसी आधार पर सीट शेयरिंग फॉर्म्युला तय किया जाएगा। कोशिश यही रहेगी कि कोई भी एक दल दूसरे दल पर हावी ना हो और दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता एक-दूसरे की जीत सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम कर सकें।
जहां तक दिल्ली का सवाल है, तब यहां की राजनीतिक स्थिति को देखकर आप 5-2 के फॉर्म्युले पर काम करती दिख रही है। इसके तहत 5 सीटों पर आप और 2 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ सकती है। वहीं कांग्रेस पिछले लोकसभा चुनाव में अपने परफॉर्मेंस के आधार पर 4-3 के फॉर्म्युले को मनवाने का प्रयास कर सकती है, ताकि दिल्ली में पार्टी अपना खोया हुआ जनाधार हासिल करने का अवसर मिल सके। हालांकि, आम आदमी पार्टी के सूत्रों ने यह साफ कर दिया है कि गठबंधन केवल लोकसभा चुनाव के लिए ही है। विधानसभा चुनाव दोनों पार्टियां अपने दम पर ही लड़ेंगी।