हमास ने टू स्टेट फॉर्मूला को किया खारिज, मुस्लिमों के संगठन को भी सुनाई खरी-खरी
गाजा पट्टी। इजराइल और हमास के बीच चल रही जंग थमने की वजाय और तेज होती जा रही है। दोनो ही देश अपनी जिद्द पर अड़े हुए है। कैसे ही युद्ध रुके इसके लिए टू स्टेट फॉर्मूले पर बात हो ही रही थी, कि हमास ने तमाम शर्तों को नकारते हुए मुस्लिमों के संगठन ओआईसी को भी खरी खरी सुना दी। हमास के प्रवक्ता खालिद कदूमी ने कहा है कि उनका संगठन इजरायल के साथ युद्ध को समाप्त करने के लिए टू स्टेट सॉल्युशन को वह अस्वीकार करता है। उन्होंने कहा कि अगर समूह दो स्टेट के समाधान को स्वीकार किया जाता है तो इसका मतलब इजराइल के अस्तित्व को स्वीकार करना होगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई चोर हमारे घर में आता है, तो क्या हमें उसे अपने घर में जगह दे दें। हम ऐसा नहीं करेंगे, साथ ही उन्होंने कहा कि फिलीस्तीन के लोगों के भाग्य का फैसला करने का कोई अधिकार ब्रिटेन के पास नहीं है।
बता दें कि टू स्टेट सॉल्यूशन के तहत इजरायल के साथ एक स्वतंत्र फिलिस्तीन देश की स्थापना की बात कही गई है यानी दो अलग समुदायों के लोगों के लिए दो अलग राज्य। देखा जाए तो ये फॉर्मूला इजरायल को एक यहूदी बाहुल्य आबादी बनाए रखने की अनुमति देता है और फिलिस्तीनियों के लिए अलगे देश की व्यवस्था का प्रावधान करता है।हमास के प्रवक्ता खालिद कदूमी ने कहा, ओआईसी ने गाजा के लोगों के लिए क्या अच्छा किया। ओआईसी फेल रहा है क्योंकि 50 से अधिक मुस्लिम देशों के इस मंच द्वारा कई प्रस्ताव पारित किए जाने के बावजूद इजरायल गाजा पर बमबारी कर रहा है। एक टीवी चैनल के कार्यक्रम कैपिटल टॉक पर एक साक्षात्कार के दौरान खालिद कदूमी ने कहा कि गाजा में मानवीय संकट हर दिन बढ़ता ही जा रहा है। क्या मुस्लिम देश इजराइल पर क्रॉसिंग खोलने के लिए दबाव नहीं डाल सकते, आखिर वो ऐसे करने में क्यों फेल हो रहे हैं। हमास ने फिलीस्तीन में टू स्टेट सॉल्युशन यानी दो देशों के फॉर्मूले को मानने से पूरी तरह से इनकार कर दिया है। हमास ने कहा है कि ऐसा करना इजरायल की अधीनता स्वीकार कर लेने जैसा होगा। साथ ही हमास ने मुस्लिम देशों के बड़े ग्रुप, इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) को लेकर भी निराशा जाहिर की है। हमास के प्रवक्ता ने अफसोस जताते हुए कहा कि ओआईसी पूरी तरह विफल हो गया है। गाजा के मामले में उसकी भूमिका निराश करने वाली रही है।