हमास का आरोप, इस्राइली ने गाजा में किया सुनियोजित नरसंहार
गाजा शहर में हुए हमले में 70 लोगों की मौत के बाद हमास ने इस्राइल पर सुनियोजित नरसंहार करने का आरोप लगाया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हमास के मीडिया कार्यालय के महानिदेशक इस्माइल अल-थावाब्ता ने दावा किया कि इस्राइली सेना ने पूर्वी गाजा शहर में हजारों फलस्तीनियों को पश्चिमी और दक्षिणी इलाकों में जाने का निर्देश दिया और फिर उनके पहुंचने पर उन पर गोलियां चला दीं।
इस्माइल अल-थावाब्ता ने बताया कि बचाव दल ने ताल अल-हवा क्षेत्र से 70 शव बरामद किए हैं और कम से कम 50 लोग लापता हैं। थावाब्ता ने दावा किया कि 'कुछ विस्थापित लोग इस्राइली सेना की ओर इशारा करते हुए, सफेद झंडे लिए हुए थे और कह रहे थे, 'हम लड़ाके नहीं हैं, हम विस्थापित हैं।' लेकिन इस्राइली सेना ने इन विस्थापित लोगों को भी बेरहमी से मार डाला।' हमास के नेता ने आरोप लगाया कि 'इस्राइली सेना ने ताल अल-हवा में नरसंहार को अंजाम देने की योजना पहले से ही बना रही थी।' उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस्राइल पर फलस्तीनियों के खिलाफ युद्ध को खत्म करने के लिए दबाव डालने की अपील की।
संयुक्त राष्ट्र ने भी की निंदा
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने भी गाजा शहर में शवों की बरामदगी की निंदा की और इसे इस्राइल हमास संघर्ष का 'नागरिकों पर पड़ने वाले प्रभाव' का एक और दुखद उदाहरण बताया। संयुक्त राष्ट्र ने तत्काल युद्धविराम करने और सभी बंधकों की बिना शर्त रिहाई करने की अपील को दोहराया। दुजारिक ने कहा, 'जब तक यह संघर्ष चल रहा है, लोगों को उनकी जरूरत के अनुसार चिकित्सा सहायता, भोजन, आश्रय देना असंभव है और युद्ध में मारे जा रहे लोगों को सम्मानजनक अंतिम संस्कार भी देना असंभव है।' संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता ने कहा कि 'लोग अभी लोग भूखे हैं। लोगों को पानी की जरूरत है। लोगों को चिकित्सा सहायता की जरूरत है। और यही वह काम है जो हम युद्ध क्षेत्र के बीच में करने की कोशिश कर रहे हैं।' अक्टूबर में गाजा पर इस्राइल के हमलों के शुरू होने के बाद से पश्चिमी सीमा पर भी हिंसा में वृद्धि देखी गई है। फलस्तीनी अधिकारियों के अनुसार, पश्चिमी सीमा पर इस्राइली सेना और वहां बसने वाले लोगों द्वारा कम से कम 553 फलस्तीनियों को मार दिया गया है। गौरतलब है कि इस्राइल के कब्जे वाली पश्चिमी सीमा पर लगभग 30 लाख फलस्तीनी रहते हैं, साथ ही वहां 100 से अधिक बस्तियों में 500,000 से अधिक इस्राइली भी रहते हैं।