भोपाल । चुनावी आचार संहिता समाप्त होते ही प्रदेश की मोहन सरकार का खजाना छात्र -छात्राओं के लिए खोल दिया जाएगा। इसके तहत सरकार सबसे पहले उन छात्रों को लेपटॉप के लिए 25-25 हजार रुपए की राशि प्रदान करेगी, जो 75 प्रतिशत से अधिक नंबरों से इस बार 12वीं परीक्षा का महाविद्यालयों में प्रवेश लेने जा रहे हैं। ऐसे विद्यार्थियों की संख्या इस बार करीब 90 हजार बताई जा रही है। इस तरह से सरकार उन्हें सवा दो अरब रुपए की बड़ी राकम देगी। यह वे छात्र होंगे, जिन्होंने प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित परीक्षा दी है। अगर इसमें सीबीएसई के छात्र और छात्राओं को शामिल किया जाता है तो यह राशि करीब तीन अरब रुपए तक पहुंच जाएगी। हालांकि उन्हें यह राशि मिलेगी इसको लेकर असमंजस बना हुआ है। यह बात अलग है कि बीते साल चुनाव से पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह राशि सीबीएसई के विद्यार्थियों को भी देने की घोषणा की थी।
दरअसल, प्रदेश में मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के तहत मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल से बारहवीं में 75 या उससे ऊपर अंक लाने वाले मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप के लिए 25-25 हजार रुपए की राशि देती है। बीते साल भी एमपी बोर्ड के बारहवीं में 75 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त करने वाले 78 हजार 641 विद्यार्थियों को लैपटॉप खरीदने के लिए राशि दी गई थी।  इस बार माशिमं की बारहवीं परीक्षा में 75 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की संख्या 90 हजार के आसपास है। यह संख्या पिछले साल की तुलना में लगभग 12 हजार ज्यादा है। इस बार विद्यार्थियों को लैपटॉप के लिए राशि देने में सवा दो अरब के आसपास खर्च आएगा।

प्राइवेट स्कूलों के छात्रों को भी मिलेगी स्कूटी
भाजपा सरकार की घोषणा के अनुसार पिछले साल से बारहवीं के सभी स्कूलों के एक-एक टॉपर को मुफ्त स्कूटी देने का फैसला किया गया था। जिसके तहत सिर्फ सरकारी स्कूल के हर एक टॉपर को स्कूटी प्रदान की गई थी। इस मामले में भी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा करते हुए कहा था कि अगले साल से प्रायवेट स्कूलों के टॉपरों को भी स्कूटी प्रदान की जाएगी। जिस पर भी अभी फैसला होना है।

जुलाई माह में की गई थी घोषणा
बीते साल स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा माशिमं के मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप की राशि देने के लिए 20 जुलाई को लाल परेड ग्राउंड मे कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एमपी बोर्ड के बारहवी में 75 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त करने वाले 78 हजार 641 विद्यार्थियों के खाते में लैपटॉप खरीदने के लिए 196 करोड़ की राशि ट्रांसफर की थी। इसी दौरान उनके द्वारा घोषणा की गई थी, कि नए सत्र से सीबीएसई के मेधावी विद्यार्थियों को भी यह राशि प्रदान की जाएगी। उनकी घोषणा पर अमल को लेकर संशय की वजह है, अब उनका मुख्यमंत्री पद पर नहीं रहना। फिलहाल इस पर चुनावी आचार संहिता समाप्त होने के बाद फैसला लिया जाएगा।

डेढ़ दशक से जारी है योजना
प्रदेश में इस योजना को शुरू हुए करीब डेढ़ दशक हो चुका है। इस मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना को वर्ष 2009-10 में शुरू किया गया था। योजना के प्रारंभ में मेधावी विद्यार्थियों के लिए 85 फीसदी अंकों का दायरा तय किया गया था। तब योजना का लाभ लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या भी 20 से 25 हजार के आसपास होती थी। धीरे-धीरे विद्यार्थियों के लिए इसका दायरा बढ़ा दिया गया। एक बार 70 फीसदी तक माक्र्स किए गए थे। वर्तमान में बारहवीं में 75 फीसदी का क्राइटेरिया है। इसके साथ ही शासकीय स्कूलों के बारहवी में एक टॉपर को स्कूटी भी देने की योजना शुरू की है। वह सिर्फ स्कूल में टॉपर होना चाहिए, चाहे वह बारहवीं में सेकंड श्रेणी में ही पास क्यों न हुआ हो।