सरकार के मालिकाना हक वाली महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) ने पंजाब एंड सिंध बैंक का 37.5 करोड़ रुपये का बकाया कर्ज नहीं चुका पाई। यह सरकारी दूरसंचार कंपनी भारी वित्तीय संकट से जूझ रही है।

MTNL ने शुक्रवार को स्टॉक एक्सचेंजों को बताया कि वह कर्ज की मूल रकम की 10 जुलाई को निकलने वाली किस्त नहीं चुका पाई। कंपनी पर 5,480.2 करोड़ रुपये की मूल रकम बकाया हैं। MTNL पर कुल 31,851.2 करोड़ रुपये कर्ज है।

सरकार की है बारीक नजर

MTNL ने एक हफ्ते में दूसरी बार डिफॉल्ट किया है। वह बुधवार को अपने बॉन्डधारकों को गारंटीशुदा छमाही ब्याज नहीं दे पाई थी। इसे चुकाने के लिए सरकार को दखल देना पड़ा था। इसके बाद दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि उनके विभाग की MTNL पर बारीक नजर है।

पिछले साल जुलाई में MTNL ने 7.59 प्रतिशत की छमाही कूपन दर के साथ 10 साल के सरकारी गारंटी वाले बॉन्ड से 2,480 करोड़ रुपये जुटाए थे। इसका ब्याज कंपनी को 20 जुलाई को चुकाना था, लेकिन एक्सचेंजों को बताया कि पैसों की कमी के कारण वह ब्याज नहीं दे पाएगी।

सरकार ने कैसे चुकाया ब्याज?

MTNL, टेलिकॉम डिपार्टमेंट और डिबेंचर ट्रस्टी बीकन ट्रस्टीशिप लिमिटेड के बीच एक समझौता हुआ था। इसके मुताबिक, ब्याज चुकाने वाली तारीख से दस दिन पहले MTNL एस्क्रो खाते में पर्याप्त रकम डाल देगी।

लेकिन, सरकारी दूरसंचार कंपनी ने तय तारीख से पहले ही हाथ खड़े कर दिए कि उसके पास ब्याज चुकाने के पैसे ही नहीं हैं। ऐसे में सरकार को मजबूरन दखल देना पड़ा और उसने तीन दिन पहले यानी 17 जुलाई को जरूरी रकम खाते में डाल दी।

रिकॉर्ड ऊंचाई पर MTNL के शेयर

MTNL भारी वित्तीय मुश्किलों से घिरी हुई है। वह कर्ज पर डिफाल्ट कर रही है। फिर भी हैरानी की बात है कि उसके शेयर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हैं। उसने बुधवार को ब्याज चुकाने में असमर्थता जताई और अगले ही दिन उसके शेयरों में जबरदस्त उछाल दिखा।

यह सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा, जब चौतरफा बिकवाली से शेयर मार्केट लहूलुहान था। आखिरी कारोबारी दिन 10 फीसदी तेजी के साथ MTNL का स्टॉक 70.48 रुपये तक पहुंच गया। यह इसका अब तक सबसे उच्च स्तर है।

MTNL का शेयर निवेशकों को लगातार मालामाल कर रहा है। इसने पिछले पांच दिनों में करीब 64 फीसदी का बंपर रिटर्न दिया है। वहीं, पिछले 6 महीने की बात करें, तो MTNL से इन्वेस्टर्स को 102 फीसदी और एक साल में 261 फीसदी का लाभ हुआ है।