एक हजार पर्यावरण बसें किराये पर ले सकती है सरकार
दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण काे देखते हुए सरकार सभी एहतियाती कदम उठा रही है।इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों काे बढ़ावा दिया जा रहा है, साथ ही प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर अगले कुछ समय में रोक लगने जा रही है।
ऐसे में लोगों काे आवगमन की समस्या से बचाने के लिए सरकार 1000 सीएनजी बसें किराये पर लेने पर विचार कर रही है। सरकार नजर रखे हुए है और जैसे ही प्रदूषण का मानक ग्रेप-तीन के अनुरूप पहुंचता है तो सरकार इस बारे में प्रक्रिया शुरू कर देगी।
परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि सरकार की ओर से अभी इस बारे में फैसला नहीं लिया गया है जैसे ही इस बारे में निर्णय होता है हम जल्द से जल्द बसों की सुविधा शुरू कर देंगे।
उन्होंने बताया कि पिछले सालों में बसें लगाई जाती रही हैं तो जाहिर है इस साल भी लगाई जाएंगी। इसे देखते हुए हम अपनी ओर से जल्द ही तैयारी शुरू कर देंगे।
दिल्ली सरकार ने बस आपरेटरों की ईंधन लागत और ओवरहेड्स में वृद्धि को देखते हुए इन बसों को लेकर प्रदान की जाने वाली प्रति किमी की दर में उससे दो साल पहले की तुलना में 2021 में वृद्धि की थी। उसके बाद से उसी रेट पर बसें किराये पर मिल रही हैं।
मगर इन बसों के लिए यात्रियों से किराया डीटीसी की बसों के बराबर ही निर्धारित है। इनमें ज्यादातर बसें स्टैंडर्ड फ्लोर की रहती हैं और मिडी बसों के अलावा एसी और नान एसी दोनों बसें भी रहती हैं।
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दिल्ली सरकार ने प्रदूषण की समस्या को देखते हुए सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के पिछले साल भी एक हजार निजी सीएनजी बसों को किराये पर लेने की योजना बनाई थी। जिसमें से 770 बसें पंजीकृत हुई थीं और इसमें से 629 बसों को स्टेज कैरिज के रूप में चलाने के लिए परिवहन विभाग ने विशेष परमिट जारी कर दिया था।
दशहरा के ठीक बाद बैठक होने की उम्मीद
मगर यह प्रक्रिया नवंबर के अंत पर पूरी हो सकी थी जबकि बीएस-3 पेट्रोल व बीएस-4 डीजल वाहनों पर प्रतिबंध बहुत पहले लग गया था। दिल्ली सरकार के एक अधिकारी कहते हैं कि इस बारे में दशहरा के ठीक बाद बैठक होने की उम्मीद है। उन्होने कहा कि उनका प्रयास है कि इस बारे में समय पर ही तैयारी करके रखी जाए।
दिल्ली के अंदर हैं प्रदूषण के 31 प्रतिशत स्रोत
एक रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के अंदर 31 प्रतिशत प्रदूषण दिल्ली के स्रोत से है और लगभग 69 प्रतिशत प्रदूषण बाहर के स्रोत से है। दिल्ली के अंदर जो 31 प्रतिशत अपने स्रोत से प्रदूषण है, उसमें इन दिनों लगभग 40 प्रतिशत वाहनों का प्रदूषण है।
निजी बस आपरेटर्स यूनियन के महासचिव हरीश सब्बरवाल ने कहा कि सरकार को पर्यावरण बसों के लिए अभी से प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए, जिससे एकाएक की जाने वाली तैयारी को लेकर होने वाली परेशानी से बचा जा सके।