गंगा का रौद्र रूप दिखाई दे रहा है। सोमवार को इस साल का सबसे ज्यादा पानी भीमगोड़ा से छाेड़ा गया। बिजनौर बैराज पर गंगा खतरे के निशान से सटकर बह रही है। मंडावर और जलीलपुर क्षेत्र के कई गांवों में गंगा का पानी घुस गया। शिवालिक की पहाड़ियों में लगातार हाे रही बारिश की वजह से भीमगोड़ा बांध से रविवार की रात्रि 2.03 लाख और सोमवार की सुबह आठ बजे 3.13 लाख क्यूसेक और शाम तीन बजे 3.70 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया।

आबादी तक पहुंच गया पानी

गंगा की धार मंडावर खादर के ग्राम मिर्जपुर, सीमली में आबादी तक पहुंच गया है। वहीं जलीलपुर खादर क्षेत्र के ग्राम खानपुर खादर समेत एक दर्जन गांवों मेें पांच-पांच फुट पानी भरा हुआ है। इसके अलावा मालन नदी भी पूरे उफान है। रावली-शहजादपुर के बीच रपटे पर चार से पांच फुट और ग्राम ब्रह्मपुरी में पांच-पांच फुट पानी भरा हुआ है। उधर प्रभारी दैवीय आपदा/एडीएम वित्त एवं राजस्व अरविंद सिंह ने तहसीलदार अनुराग सिंह और राजस्व विभाग की टीम के साथ बाढ़ प्रभावित गांव रावली और ब्रह्मपुरी का दौरा किया।

सीमली समेत कई गांवोंं में घुसा गंगा का पानी

गंगा का जलस्तर सोमवार को तेजी से बढ़ रहा है। जहां गंगा की धार ग्राम सुक्खापुर, कुंदनपुर, फतहपुर सभाचंद, कोहरपुर, राजारामपुर नजदीक बह रही है। वहीं ग्राम चाहड़वाला, डैबलगढ़ से होती हुई सीमली में गंगा का पानी घुस गया। इन गांवों में ढाई से तीन फुट पानी भरा हुआ है। ग्र्रामीण सोनू, जगदीश कुमार, भागवत, राजेश आदि का कहना है कि ग्राम मिर्जापुर और चंद्रभानपुर किशोर के निकट कटान रोकने के लिए लगाए वायरक्रेट और जियो ट्यूब के बीच से होते हुए पानी इन गांवों में गया है। गांव के मुख्य रास्ते पर जलभराव होने से लोगों को आवाजाही में दिक्कत हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि सोमवार को गंगा में आए उफान ने वर्ष 2013 में आए उफान की याद दिला दी।

उफान पर मालन, ब्रह्मपुरी में घुसा पानी 

गंगा और मालन नदी सोमवार को पूरे उफान पर है। शहजादपुर और रावली के बीच स्थित रपटे पर चार से पांच फुट पानी बह रहा है। वहीं नई बस्ती ब्रह्मपुरी में पांच फुट पानी भरा हुआ है। शहजादपुर समेत कई अन्य गांव के ग्रामीण रपटे पर पानी चलने की वजह से नाव से आवाजाही कर रहे है।