सागर : शहर के अभिषेक चौबे किसी पहचान के मोहताज नहीं है, उनके नाम 2 वर्ल्ड रिकॉर्ड हैं. खास बात ये है कि उनके रिकॉर्ड तोड़ने की चुनौती कोई दूसरा नहीं दे पा रहा है. दरअसल अभिषेक अपने शोल्डर ब्लेड्स (स्कैपुला) के जरिए भारी भरकम गाड़ियां खींच लेते हैं. इसके साथ ही शोल्डर ब्लेड्स से भारी वजन भी उठा लेते हैं. इन दोनों मामलों में वो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम कई साल पहले दर्ज करा चुके हैं, लेकिन उनका रिकॉर्ड तोड़ने अब तक कोई सामने नहीं आया है.

अभिषेक के हुनर को लेकर चिकित्सा जगत भी हैरान है. डॉक्टर अभिषेक की लगन और मेहनत को तो मानते ही है, लेकिन कहते हैं कि स्कैपुला की विशेष बनावट के कारण अभिषेक ऐसा कर पा रहे हैं. खास बात ये है कि हिंदुस्तान में अब तक कोई अभिषेक को चुनौती नहीं दे पाया है.

कौन है अभिषेक और क्या है खास?

सागर के राजीव नगर में रहने वाले अभिषेक चौबे देश और दुनिया के बडे-बडे चैनल पर अपने हुनर के कारण अक्सर नजर आते रहते हैं. इनकी खासियत ये है कि ये महज 10-11 साल की उम्र से अपने शोल्डर ब्लेडर (स्कैपुला) के जरिए भारी भरकम गाड़ियां खींच लेते हैं. साथ ही वे भारी भरकम वजन भी उठा लेते हैं. पहले तो लोग अभिषेक को आम हुनरबाज या कलाकार के तौर पर देखते थे, लेकिन जब उन्होंने 2-2 गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में रिकार्ड दर्ज कराए और पूरी दुनिया में उन्हें अपने हुनर के चलते शो के लिए बुलाया जाने लगा, तब लोगों को विश्वास हुआ कि अभिषेक कुछ हटकर है. इनका हुनर आम हुनर नहीं, बल्कि उनकी शारीरिक बनावट और मेहनत की दम पर है.

अभिषेक चौबे में क्या है खास?

आमतौर पर ऐसे करतब और कारनामे दिखाने वाले लोग अपने बालों, दांतों और कंधों के दम पर ऐसा करते हैं. लेकिन अभिषेक चौबे की खासियत ये है कि वो अपने हाथों की शोल्डर ब्लेड्स के जरिए ऐसा कमाल करते हैं. अपनी इस खासियत के बारे में अभिषेक को बचपन में खेलते हुए पता चला, जब अभिषेक के शोल्डर ब्लेड्स अपने साथियों से अलग नजर आए.

उन्होंने खेल-खेल में शोल्डर ब्लेड्स में अपने दोस्तों के हाथ फंसा कर छुड़ाने, बाइक खींचने और वजन उठाना शुरू कर दिया. धीरे-धीरे अभिषेक को लगा कि वो कुछ बड़ा कर सकते हैं. इस शारीरिक मजबूती के लिए उन्होंने वर्क आउट के साथ-साथ रोजाना अभ्यास शुरू कर दिया और फिर ऐसे कारनामे किए कि आज वो पूरी दुनिया में मशहूर हैं.

अभिषेक के नाम 2 गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स

शोल्डर ब्लेड्स के जरिए सबसे भारी वाहन खींचना: अभिषेक का ये रिकॉर्ड गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स शामिल है. ये अपनी तरह का पहला रिकॉर्ड है, जिसे अभिषेक ने अपने शोल्डर ब्लेड्स के जरिए सागर में 2017 में बनाया था. इस रिकॉर्ड में 1070 किलो वजन की गाड़ी को 27 मीटर खींचकर कायम किया था. खास बात ये है कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में इससे पहले इस तरह का कोई भी रिकॉर्ड गिनीज या किसी दूसरी रिकॉर्ड बुक में दर्ज नहीं था.

इतना ही नहीं, ये रिकॉर्ड कायम करने के बाद अभिषेक चौबे ने अपना ही रिकॉर्ड 2023 में इटली के शो "lo show dei record" में तोड़ा था. यहां अभिषेक ने अपने पिछले 1070 किलो वजन वाली गाड़ी को खींचने का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 1294 किलो वजन की गाड़ी को खींचकर नया विश्व रिकॉर्ड कायम किया, जो अब तक कोई नहीं तोड़ पाया है. हालांकि इस रिकॉर्ड को 2021 में क्यूबा के क्रिश्चियन एनमैनुएल कैस्टेलानोस ने तोड़ने की कोशिश की, जो असफल रहे. इसके बाद किसी दूसरे ने अब तक प्रयास नहीं किया है.

शोल्डर ब्लेड्स से भारी वजन उठाना

अपने शोल्डर ब्लैड्स से गाड़ी खींचने का रिकॉर्ड कायम करने के बाद अभिषेक ने वजन उठाने का रिकार्ड भी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज कराया है. हालांकि, ये रिकॉर्ड चीन के फेंग इक्सी के नाम था. उन्होंने 2012 में अपने शोल्डर ब्लेड्स से 51.4 किलोग्राम वजन 7 सेकंड के लिए उठाया था. इस रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए अभिषेक ने काफी मेहनत की और 2018 में उन्होंने ये रिकार्ड तोड़कर नया रिकॉर्ड बनाया, जिसको अब तक कोई चुनौती नहीं मिली है. 2018 में अभिषेक ने करीब 6-7 महीने कड़ी मेहनत करने के बाद 55.4 किलो का वजन चीन के फेंग इक्सी का रिकॉर्ड तोड़ दिया. इस रिकॉर्ड को भी अब तक कोई चुनौती नहीं मिली है.

 

 

क्या कहते हैं मेडिकल साइंस के विशेषज्ञ

बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. सुरेन्द्र पडरया बताते है कि "मैं पर्सनली तो अभिषेक से नहीं मिला, लेकिन मैंने उनके वीडियो सोशल मीडिया पर देखे हैं. जिसको देखकर लगता है कि उनकी स्कैपुला और स्पाइन के बीच जगह कुछ ज्यादा है. इस वजह से वह दोनों के बीच में ब्लॉक फंसा लेते हैं. इसके साथ ही उन्होंने बहुत कम उम्र से शारीरिक श्रम करके मसल्स को मजबूत किया है और ट्रेनिंग के जरिए वजन खींचना और उठाने का अभ्यास किया है. मेरा मानना है कि शारीरिक संरचना विशेष होने के कारण ब्लॉक फंस जाता है. बाकी उन्होंने मेहनत और लगातार अभ्यास कर शरीर को इस लायक बनाया है."