पैदल चलने वालों के लिए सुरक्षित नहीं दिल्ली की सड़कें
नई दिल्ली । राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में साल 2022 में 1461 लोगों की जान गई है। हालांकि, पिछले दशक के दौरान दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के प्रयास के चलते 20 प्रतिशत सड़क दुर्घटना में कमी दर्ज की गई। खास बात है कि दिल्ली में पैदल चलने वाले लोग सबसे असुरक्षित हैं। दिल्ली में सबसे ज्यादा पैदल चलने वाले लोग सड़क दुर्घटना का शिकार होते हैं। साल 2022 में सड़क दुर्घटना में सबसे ज्यादा 43 प्रतिशत पैदल चलने वालों की मौत हुई है। इसके बाद 38 प्रतिशत लोग दिल्ली में दोपहिया वाहन पर सवारी करते समय सड़क दुर्घटना का शिकार हुए हैं। यह जानकारी दिल्ली ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी की गई सड़क दुर्घटना रिपोर्ट में सामने आई है। दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया कि चूंकि पैदल यात्री, साइकिल चालक और मोटरसाइकिल चालक सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए सबसे असुरक्षित हैं, इसलिए पैदल चलने वालों, साइकिल चालकों और मोटर साइकिल चालकों के लिए सड़क सुरक्षा उपायों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। ध्यान देने वाली बात है कि वर्ष 2022 में 30 नवंबर तक 1342 लोगों की सड़क हादसे में मौत हुई थी। वहीं, 2023 में 30 नवंबर तक 1300 लोगों की सड़क दुर्घटना में जान गई। मतलब पिछले साल की तुलना में इस साल 3.1 प्रतिशत की सड़क हादसे में मरने वालों की संख्या में कमी दर्ज की गई। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने 10 ब्लैक स्पॉट की पहचान की है, जहां पर सबसे ज्यादा सड़क हादसे में लोगों की जान गई है। इनमें मुकरबा चौक, खामपुर गांव दौला कुआं, मायापुरी चौक, गांधी विहार बुआस स्टैंड, भलस्वा चौक, पीरा गढ़ी, पंजाबी बाग चौक, ब्रिटानिया चौक, अशरम चौक, मथुरा रोड, रिंग रोड, महरौली बदरपुर रोड, आनंद माई मार्ग, आगरा कैनाल रोड, रोड नंबर 13ए, जैतपुर रोड, आउटर रिंग रोड, ओखला रोड और लाला लाजपत राय पथ का नाम शामिल है।