दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर को मिलेगी रफ्तार
नई दिल्ली । दिल्ली-एनसीआर में नमो भारत अब और रफ्तार पकड़ेगी। इस वर्ष भी केंद्रीय बजट में रीजनल रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के लिए अच्छा बजट आवंटित किया गया है। वर्ष 2025 में दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर पूरी तरह शुरू हो जाएगा। इसके बाद दिल्ली-अलवर और दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर का कार्य भी गति पकड़ लेगा। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय अंतरिम बजट में देश के प्रथम रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के लिए 3,596 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 में भी इतनी ही राशि आवंटित की गई थी, जबकि वर्ष 2022-23 में 4,710 करोड़ रुपये दिए गए थे। एनसीआर परिवहन निगम ने इस बार भी बजट को कम नहीं बताया है। अधिकारियों के मुताबिक जितने बजट की मांग की गई थी, कमोबेश उसी के अनुरूप आवंटित किया गया है। यहां यह भी उल्लेखनीय केंद्र सरकार ने आरआरटीएस के लिए वित्त वर्ष 2018-19 में 629 करोड़, वित्त वर्ष 2019-20 में 974 करोड़, वित्त वर्ष 2020-21 में 2487.40 और वित्त वर्ष 2021-22 में 4,472 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था। जानकारी के मुताबिक 82 किमी लंबे दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर का कार्य लगातार गति पकड़ रहा है। दुहाई से साहिबाबाद के बीच इसके 17 किमी लंबे प्राथमिकता खंड पर ट्रेन का परिचालन गत अक्टूबर माह से शुरू हो ही चुका है। मार्च 2025 तक पूरे कॉरिडोर पर परिचालन शुरू करने का लक्ष्य है। अधिकारी बताते हैं कि आनंद विहार अंडरग्राउंड स्टेशन कॉरिडोर के एलिवेटेड सेक्शन से जुड़ गया है। न्यू अशोक नगर से आनंद विहार स्टेशन को जोड़ने के लिए खिचड़ीपुर में एक रैम्प बनाया गया है। दूसरी ओर आनंद विहार अंडरग्राउंड स्टेशन को साहिबाबाद स्टेशन से जोड़ने के लिए दूसरा रैम्प बनाया गया है, जो वैशाली में है। जल्द ही इनमें ट्रैक बिछाने और ओएचई इस्टालेशन का कार्य आरंभ होगा। वहीं न्यू अशोक नगर से सराय काले खां तक की दूरी पांच किमी है।