नई दिल्ली । जी-20 के शिखर सम्मेलन में दुनिया इतिहास के पन्नों से बाहर पहली बार भारत की हजारों साल पुरानी कला, संस्कृति, शिल्प, विरासत, परंपरा, धरोहर से रूबरू होगी। भारत मंडपम में मिनी भारत का प्रतिनिधित्व करता शिल्प बाजार सज गया है। विदेशी मेहमानों को भारत की पारंपरिक कला और संस्कृति की झलक के साथ यहां प्रौद्योगिकी व तकनीक का बेजोड़ मेल लुभाएगा। यहां कलाकार भारत की कला,संस्कृति, स्थानीय खानपान समेत दूसरी अनूठी चीजों को प्रदर्शित कर रहे हैं। केंद्रीय कपड़ा, संस्कृति, खादी इंडिया, जनजातीय मंत्रालय ने सभी राज्यों के साथ मिलकर भारत की विविधता को दर्शाता क्रॉफ्ट बाजार लगाया गया है। यहां सभी राज्य अपनी संस्कृति, कला, शिल्प को दुनिया के समक्ष ‘ एक जिला-एक उत्पाद ’ को प्रदर्शित कर रहे हैं। दर्शकों को कश्मीर की 15वीं शताब्दी की चटकीले रंग वाली पेपर मेशे पेटिंग, चिनार की पत्तियों वाली कशीदाकारी, पंजाब की फुलकारी, हिमाचल प्रदेश का 16वीं शताब्दी का चंबा रूमाल, यूपी की नक्काशी, गुजराती काठियावाड़ कढ़ाई,पश्चिम बंगाल की कांथा वर्क, मणिपुर की कौना टोकरी, तमिलानाडु के चोल वंश की तंजावुर चित्रकला व कांजीवरम सिल्क साड़ी, गुजरात का लिप्पन आर्ट, बिहार की मधुबनी पेटिंग, मध्य प्रदेश व गुजरात की पेथोरा पेटिंग दिखेगी।