नई दिल्ली । देश की राजधानी दिल्ली में बिजली से होने वाली दुर्घटनाओं पर काबू पाने और पीड़ितों को आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए दिल्ली सरकार नियम लाएगी। जल्द ही सरकार के निर्देश पर दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन नियम बनाएगा। इसको लेकर दिल्ली सरकार के बिजली विभाग की तरफ से मिले प्रस्ताव को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी है। प्रस्ताव के मुताबिक, नियम आने के बाद बिजली कंपनियों को अपना इन्फ्रास्ट्रक्चर और मजबूत करना होगा, जिससे कोई दुर्घटना ही न हो और अगर कोई दुर्घटना होती है तो फिर बिजली कंपनियां पीड़ित को उचित वित्तीय सहायता देने के लिए बाध्य होंगी। मुख्यमंत्री से मंजूरी मिलने के बाद अब प्रस्ताव उपराज्यपाल के पास भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद दिल्ली सरकार डीईआरसी को जल्द से जल्द नियम बनाने के लिए आदेश जारी करेगी। दरअसल, दिल्ली के बिजली मंत्रालय ने एक प्रस्ताव लाया था कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट के तहत डीईआरसी को नियम बनाने के लिए आदेश जारी किया जाए। जिसके तहत दिल्ली विद्युत नियामक आयोग बिजली से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने और पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए डिटेल्ड गाइडलाइन तैयार करे, ताकि बिजली कंपनियां कानूनी रूप से बाध्य हों। बता दें कि दिल्ली में अभी तक करंट से होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं है। ऐसे में अगर कोई बिजली का करंट लगने से घायल हो जाए या फिर किसी की मौत हो जाती है तो बिजली कंपनियां पीड़ित या उसके परिवार को वित्तीय सहायता देने के लिए बाध्य नहीं होती हैं। नतीजतन करंट लगने से पीड़ित परिवारों को कोई आर्थिक मदद नहीं मिल पाती है। इस परेशानी को देखते दिल्ली सरकार के बिजली विभाग ने एक प्रस्ताव तैयार किया था, जिसके मुताबिक सरकार दिल्ली डीईआरसी को नियम बनाने के लिए आदेश जारी कर सके। विभाग के प्रस्ताव को बिजली मंत्री आतिशी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सामने पेश किया गया था, जिसे उन्होंने मंजूरी दे दी। अब इस प्रस्ताव को एलजी के पास भेजा जाएगा। एलजी से मंजूरी मिलने के बाद दिल्ली सरकार डीईआरसी को नियम बनाने के लिए आदेश जारी करेगी। बता दें कि डीईआरसी इलेक्ट्रिसिटी एक्ट के अंतर्गत आता है। डीईआरसी ही दिल्ली में स्थित सभी बिजली वितरण कंपनियों यानि डिस्कॉम को रेगुलेट करता है। इलेक्ट्रिसिटी एक्ट में सेक्शन 108 के अंतर्गत दिल्ली सरकार डीईआरसी को नियम बनाने को लेकर दिशा निर्देश जारी करती है। कुछ साल पहले एनएचआरसी का एक केस आया था, जिसमे कुछ लोगों को बिजली का करंट लग गया था। घटना को लेकर एनएचआरसी ने दिल्ली सरकार से कानून बनाने के लिए कहा था ताकि पीड़ितों को मदद पहुंचाई जा सके।