इस्लामाबाद । केंद्रीय विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने संकेत दिया कि पड़ोसी देश से उत्पन्न होने वाले आतंकवादी खतरे से निपटने के लिए अंतिम उपाय के रूप में अफगानिस्तान के अंदर कार्रवाई कर सकता है। बिलावल ने कहा कि हम अपनी रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत कार्य करने वाले हैं। यदि अफगान अधिकारी कार्रवाई नहीं करते हैं, तब अंदर कार्रवाई विकल्पों में से एक हो सकती है, लेकिन पहला विकल्प नहीं है। हालांकि, विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान का मानना ​​है कि अफगान अंतरिम सरकार उनके देश को धमकी देने वाले आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। 
अगर क्षमता का कोई मुद्दा है, तब हम उनकी (अफगानिस्तान तालिबान की) मदद करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अगर इरादे का कोई मुद्दा है, तब यह एक अलग मामला है। उनका यह बयान हाल के महीनों में पाकिस्तान में आतंकवादी हमलों में वृद्धि की पृष्ठभूमि में आया है। बाजौर आतंकवादी हमला नवीनतम था जिसमें बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे। पाकिस्तान ने आतंकवादी हमलों में वृद्धि के लिए सीमा पार आतंकवादी पनाहगाहों को जिम्मेदार ठहराया है। इस्लामाबाद बार-बार कहता रहा है कि प्रतिबंधित टीटीपी और उसके सहयोगी अफगानिस्तान से बेखौफ होकर काम कर रहे हैं। 
अंतरिम अफगान सरकार ने इन आरोपों से इनकार कर कहा है कि वह अफगान धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ नहीं करने देगी। लेकिन उनके दावे को हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की निगरानी समिति की रिपोर्ट में खारिज कर दिया गया, जिसने पाकिस्तान के रुख का समर्थन किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त 2021 में अफगान तालिबान की वापसी से टीटीपी का हौसला बढ़ा है। इसमें कहा गया है कि टीटीपी अफगानिस्तान में गति पकड़ रहा है और समूह तत्कालीन जनजातीय क्षेत्रों में अपना नियंत्रण फिर से स्थापित करना चाहता है।