नई दिल्ली। देश की राजधानी से एक चौका देने वाला मामला सामने आया है जहां एक राष्ट्रीय स्तर के पहलवान ने खुद को अर्मी का अधिकारी बता कर लोगों को लूटा। दिल्ली पुलिस ने बताया कि आरोपी खुद को सेना अधिकारी बताकर ओएलएक्स जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सामान खरीदने या बेचने का झांसा देकर लोगों को ऑनलाइन ठगता था। हालांकि अब पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। वहीं डीसीपी आउटर हरेंद्र सिंह के मुताबिक आरोपी की पहचान अजरुद्दीन नाम से हुई है। गौरतलब है कि आरोपी अजरुद्दीन स्नातक की पढ़ाई छोड़ चुका था और वहीं बाद में राष्ट्रीय स्तर का पहलवान बना।

दरअसल यह मामला तब सामने आया जब पूजा ठक्कर निवासी पश्चिम विहार ने दिल्ली पुलिस को उनके साथ घठित इस घठना कि शिकायत की। जिसके बाद पुलिस तुरंत हरकत में आई और आरोपी को गिरफ्तार किया। आप को बता दें कि अजरुद्दीन पर आईपीसी की धारा 420/120बी/34 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि उसने अपनी पुरानी डाइनिंग टेबल बेचने के लिए ओएलएक्स पर एक विज्ञापन पोस्ट किया था। रागिनी मिश्रा नाम के एक व्यक्ति ने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और उसे ₹10,000 का भुगतान करने पर सहमति व्यक्त की। खरीदार (धोखेबाज) व्हाट्सएप के माध्यम से उसके साथ जुड़ा। फिर शिकायतकर्ता को एक स्क्रीनशॉट भेजा जिसमें कहा गया कि राशि का भुगतान कर दिया गया है।

जब शिकायतकर्ता ने जालसाज को बताया कि उसे पैसे नहीं मिले तो जालसाज ने उसे एक भुगतान लिंक भेजा और भुगतान प्राप्त करने के लिए उस लिंक पर क्लिक करने को कहा। जब उसने लिंक पर क्लिक किया तो उसके खाते से ₹10,000 रुपये कट गए। बार-बार ऐसा करने से उसके खाते से ₹1,38,894 कट गए और उसके बाद पीड़ित को एहसास हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी की गई है।

डीसीपी सिंह ने बताया कि जांच के दौरान कथित नंबरों, बैंक खातों से जुड़े मोबाइल नंबरों और आईपीडीआर से जुड़े सभी सीडीआर किए गए, जिसके सार्थक परिणाम सामने आए और धोखाधड़ी के पैसे प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल किए गए बैंक खातों का संचालन करने वाले आरोपी व्यक्ति का एक होटल में पता लगाया गया, जो कि सेक्टर 48 गुरुग्राम, हरियाणा में था।

आरोपी से आगे की पूछताछ के दौरान के दौरान पता चला कि वह अन्य व्यक्तियों के बैंक खाते खरीदता था और फिर उन बैंक खातों का विवरण राजस्थान के भरतपुर के मेवात क्षेत्र में ऑनलाइन धोखेबाजों को प्रदान करता था। वह अपना 10% कमीशन काटता था और 90 वितरित करता था। डीसीपी सिंह ने कहा, धोखेबाजों द्वारा ठगे गए पैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सेना अधिकारी के रूप में सामान के खरीदार या विक्रेता बनकर लोगों को ऑनलाइन धोखा देते हैं।