भोपाल । साइबर फ्रॉड को लेकर लोगों में जैसे-जैसे जागरूकता बढ़ रही है, वैसे- वैसे साइबर जालसाज भी ठगी के रोज नए तरीके अपना रहे हैं। बात चाहे सोशल मीडिया की हो या शॉपिंग की, आपको हर तरफ ठग मिल जाएंगे। इसका तरीका ऐसा होता है कि आम लोग आसानी से झांसे में आ जाते हैं। इन जालसाजों तक पहुंचना पुलिस के लिए भी मुश्किल होता है। पुलिस जब इन तक पहुंचती है, जालसाज खातों से रकम निकाल चुके होते हैं। पुलिस के सामने फ्रॉड के अब तक 94 तरीके सामने आ चुके हैं। जिसमें सबसे अधिक ठगी यूपीआई, अननोन ट्रांजेक्शन, इंस्टाग्राम, फेसबुक, क्रेडिट कार्ड और रिश्तेदार बनकर हुई है। साइबर सेल ने 2023 में 56 जालसाजों को गिरफ्तार किया है। इनमें सबसे ज्यादा 18 मप्र से और 15 दिल्ली से हैं।जालसाज लोगों को फोन कर कहते हैं मैं सीबीआई या क्राइम ब्रांच मुंबई से डीसीपी बोल रहा हूं, आपके आधार नंबर से पार्सल दूसरे देश भेजा जा रहा था, जिसमें ड्रग्स था। आपको होम अरेस्ट किया जाएगा... या फिर मैं बैंक अधिकारी बोल रहा हूं, आपके यूपीआई में दिक्कत आ रही है। गलती से आपके खाते में रकम ट्रांसफर हो गई है, आपको लिंक भेज रहे हैं, उस पर राशि वापस कर दें। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के लिए खाते से संबंधित जानकारी चाहिए। आपकी सरकारी कंपनी में जॉब लग जाएगी। आपका आयुष्मान कार्ड बनाना है, बैंक की जानकारी दीजिए या आधार कार्ड अपडेट करना है। इस प्रकार के कॉल आपके पास आते हैं, तो तुरंत कट कर दीजिए। ये कॉल जालसाजों के होते हैं।


ऑनलाइन फ्रॉड के ये हैं प्रमुख तरीके


 

बैंक अकाउंट होल्ड के नाम पर फ्रॉड, आयुष्मान कार्ड, बजाज फिनसर्व लोन एप, बॉयोमेट्रिक, बिटक्वाइन, सिविल, कुरियर फ्रॉड, क्रिप्टो करेंसी, डाटा एंट्री, डाटा चोरी, धानी लोन, बिजली बिल, फ्लिपकार्ट, गुड्स इंपोर्ट-एक्सपोर्ट, जिओ फाइबर, आसान लोन एप, नटराज पेंसिल फ्रॉड, क्विकर एप एड, सर्वर हैकिंग, स्नेपचैट, स्विफ्ट कैश लोन, ट्विटर, वैलेट, एपीके एप फ्रॉड, कैश एडवांस लोन एप, क्रेडिट स्टार लोन एप, डिजिटल अरेस्ट, फ्रेंचाइजी, घर में बंधक, आईसीजेएस से संबंधित, इंटरनेट बैंकिंग, ओला बुकिंग, पेपर लीक, पाइंट ऑफ सेल, यूएसडीटी आदि तरीके जालसाज अपना रहे हैं। इसके अलावा योनो अपडेट, बैंक अकाउंट, फास्टेग, मेट्रिमोनियल, वेबसाइट, लॉटरी, एनईएफटी, क्यूनेट,रिवार्ड पाइंट, आधार कार्ड, केवायसी, एलआईसी, लोस्ट सेल, क्यूआर कोड स्केन, यूट्यूब, आईएमपीएस, एनी डेस्क, खरीदी/बिक्री, इंश्योरेंस, ब्लैकमेलिंग, न्यूड कॉल, डेबिट कार्ड, उत्पीडऩ, लोन फ्रॉड, शेयर मार्केट, गूगल प्ले, टिपलाइन, ओएलएक्स, जीमेल, ट्रेडिंग, एटीएम कार्ड, इन्वेस्टमेंट, पेटीएम, मिरर एप, पार्सल, सेना का जवान, कॉल प्रताडऩा, गूगल सर्च, कार्ड फ्रॉड, ओटीपी, वाट्सएप, जॉब फ्रॉड, सोशल मीडिया, लिंक फ्रॉड, लोन एप, टास्क फ्रॉड, टेलीग्राम, बुकिंग, रिश्तेदार बनकर, फोनपे, क्रेडिट कार्ड, फेसबुक, इंस्टाग्राम, अनजान ट्रांजक्शन और यूपीआई फ्रॉड जैसे झांसे भी देते हैं।


शेयर न करें खाते की जानकारी
कॉल करने वालों से बैंक खाते की जानकारी, ओटीपी, सीवीवी नंबर बिल्कुल भी शेयर ना करें। मोबाइल पर आई किसी भी लिंक को खोलकर उसमें बैंक खाते की जानकारी नहीं भरें। यह सब जालसाजों की ठगी के तरीके हैं, जिसमें उलझाकर वह आपसे आपके खाते की जानकारी लेकर रुपए उठा देते हैं। पिछले साल साइबर क्राइम के पास 2236 शिकायतें साइबर फ्रॉड की आईं हैं। इनमें यूपीआई की 310, ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की 218, इंस्टाग्राम की 177, फेसबुक की 167, क्रेडिट कार्ड की 166, फोनपे की 112 शिकायतें हैं। इनके अलावा अन्य फ्रॉड की इक्का-दुक्का शिकायतें हैं। साइबर क्राइम पुलिस शिकायतों की जांच करके कार्रवाई करती है। ठगों द्वारा हर साल करोड़ों रुपए की ऑनलाइन ठगी की जाती है। यह राशि पुलिस बरामद नहीं कर पाती है।


मुनाफे का लालच देकर पैसा निवेश कराते हैं


वर्तमान में सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे- इंस्टाग्राम, फेसबुक, वाट्सएप पर अज्ञात व्यक्तियों द्वारा रोजाना हजारों रुपए कमाने का लालच दिया जा रहा है। पहले किसी भी अज्ञात क्रिप्टो एक्सचेंज में रुपए इन्वेस्ट करने के लिए बोला जाता है। अधिक से अधिक राशि इन्वेस्ट करने की सलाह दी जाती है। कुछ सेमिनार भी अटैंड कराए जाते हैं। जिनमें दो-चार लोगों को बहुत अधिक मुनाफा बताया जाता है। सब केवल दिखावा होता है।